चांदी की कीमतों (Silver rates today) में फिर तेजी आने की संभावना है. पिछले 3 महीने में इसमें 12% की तेजी आई है. Coronavirus lockdown के बाद औद्योगिक मांग में रिकवरी की उम्‍मीद दिख रही है. इंडस्ट्रियल डिमांड बढ़ने पर चांदी की कीमतें उछल जाती है. क्‍योंकि 60% चांदी यहां इस्‍तेमाल होती है. जी बिजनेस ने इस मुद्दे पर जब बाजार के एक्‍सपर्ट से बात की तो उनका कहना है कि डिमांड बढ़ने पर चांदी और रफ्तार पकड़ेगी.

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बीएन वैद्य एंड एसोसिएट्स के भार्गव वैद्य के मुताबिक चांदी की रफ्तार सोने से हमेशा तेजी रहती है. लेकिन यह काफी तेजी से नीचे भी आती है. इसलिए कोई भी निवेशक चांदी लेकर उसे ऐसे ही रख नहीं सकता. उसमें ट्रेड करते रहना पड़ेगा. Profit booking बहुत जरूरी है.

बता दें कि शुक्रवार को वायदा कारोबार में चांदी की कीमत 179 रुपये के नुकसान के साथ 49,025 रुपये प्रति किग्रा रह गई. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) में चांदी के सितंबर महीने में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 179 रुपये अथवा 0.36 प्रतिशत की गिरावट के साथ 49,025 रुपये प्रति किग्रा रह गई, जिसमें 9,986 लॉट के लिए कारोबार हुआ. वैश्विक स्तर पर, न्यूयॉर्क में चांदी की कीमत 0.50 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18.23 डॉलर प्रति औंस रह गई.

GJC के VC शंकर सेन के मुताबिक चांदी की मांग वैसे तो बनी रहती है क्‍योंकि यह पूजा-पाठ से जुड़ी धातु है. इसके अलावा युवाओं में चांदी को लेकर खरीदारी बढ़ी है. जो ज्‍वेलर चांदी के डिजायनर आभूषण बना रहे हैं, उनके यहां बिक्री जोर पकड़ रही है. वहां डिमांड साल दर साल 50% तक बढ़ी है. चांदी की ज्‍वेलरी का देश में अच्‍छा भविष्‍य है.

जी बिजनेस ने ब्रोकरेज हाउस से पोल भी कराया, जिसमें कहा गया है कि इस साल चांदी का 58000 रुपए का लेवल दिखेगा. इनमें केडिया कमोडिटी, रेलिगेयर ब्रोकिंग और ट्रस्‍टलाइन शामिल हैं. इनके अलावा पृथ्‍वी फिनमार्ट समेत दूसरे ब्रोकरेज हाउस ने कहा कि यह 55000 रुपए प्रति किलो के लेवल तक जाएगी. ये लेवल दिसंबर अंत तक देखने को मिल सकता है. 

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उधर सोना (Gold rate today) भी लगातार तेजी बनाए हुए है. 1 दिन पहले MCX पर सोने के रेट 49,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब चला गया था जबकि चांदी भी 50,900 रुपये प्रति किलो के करीब पहुंच गई. घरेलू वायदा बाजार में सोने का भाव 48,982 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर चला गया, जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने का भाव 1807 डॉलर प्रति औंस से उपर तक उछला जोकि 2011 के बाद का सबसे उंचा स्तर है. हालांकि बाद में मुनाफावसूली के कारण कीमतों पर दबाव आया जिसके कारण पिछले सत्र के मुकाबले गिरावट के साथ कारोबार चल रहा था.