घरेलू शेयर बाजार में बीते सप्ताह के आखिर में हालांकि तेजी का रुझान दिखा, लेकिन प्रमुख शेयर सूचकांकों में पिछले सप्ताह के मुकाबले गिरावट रही. अब आगामी कारोबारी सप्ताह के दौरान निवेशकों को सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों का इंतजार रहेगा. इसके अलावा विदेशी बाजार से मिलने वाले संकेतों से बाजार को दिशा मिलेगी. अमेरिका और चीन के बीच कारोबारी लड़ाई के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी का साया मंडरा रहा है, जिसका असर पूरी दुनिया के बाजारों पर दिख रहा है. लिहाजा, इस सप्ताह के घटनाक्रम से वैश्विक बाजार पर पड़ने वाले असर से भारतीय बाजार अछूता नहीं रहेगा, मगर इस बीच सरकार द्वारा देश की अर्थव्यवस्था के विकास को रफ्तार देने की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों का सकारात्मक असर देखा जा सकता है. 

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पिछले महीने बजट में दौलतमंद इनकम टैक्स देने वालों पर सरचार्ज में बढ़ोतरी का असर अब तक बाजार पर बना हुआ है, क्योंकि इसके बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली का लगातार दबाव बना रहा है. सरकार ने इस दिशा में राहत प्रदान करने के संकेत दिए हैं, जिसपर निवेशकों की नजर होगी. इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल से भी बाजार की दिशा तय होगी. बीते सप्ताह के आखिरी सत्र में रुपया साप्ताहिक आधार पर 35 पैसे की कमजोरी के साथ 71.16 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ. 

वहीं, सप्ताह के दौरान बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मोनेटरी पॉलिसी समीक्षा बैठक के मिनट्स (विवरण) जारी होंगे. आरबीआई ने इस महीने के शुरू में अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में प्रमुख ब्याज दर यानी रेपो रेट में 35 आधार अंकों की कटौती कर इसे 5.40 फीसदी रखने का फैसला किया. उधर, अमेरिका में भी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की जुलाई के आखिर में हुई बैठक के मिनट्स भी बुधवार को कही जारी होंगे.