Algo trading news: रीटेल निवेशकों (retail investors) के बीच अनरेगुलेटेड एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (Unregulated Application Programming Interface) के बढ़ते चलन को देखते हुए मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने इसे रेगुलेट करने का फैसला किया है. सेबी ने इस पर एक डिस्कशन पेपर (discussion paper) जारी किया है. क्या खास बातें हैं इस डिस्कशन पेपर में और क्या रही है इसके पीछे सेबी की मंशा, आइए यहां जान लेते हैं.   

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रीटेल एल्गो ट्रेडिंग पर सेबी लाएगा नियम 

खबर के मुताबिक, सेबी (SEBI) इस बात को तय करने की तैयारी में है कि एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस से ट्रेड एल्गो ट्रेड माना जाएगा. इसके अलावा, स्टॉक एक्सचेंजेज की मंजूरी और यूनिक आईडी भी जरूरी होगा. इसमें यह भी तय हो सकता है कि API का कंट्रोल ब्रोकर के हाथ में होगा. ऐसे में एजेंसी से मंजूरी जरूरी होगी. यह एक्सचेंज तय करेंगे कि सारे एल्गो की यूनीक आईडी जरूर रहे. इसके अलावा सौदों के लिए, सारे एल्गो ब्रोकर के सर्वर से होकर ही जाएंगे.   

ब्रोकर को ही शिकायत का निपटारा करना होगा

सेबी के नए नियम में यह भी तय करने करने की तैयारी है कि ब्रोकर को ही रीटेल निवेशकों की शिकायत का निपटारा करना होगा. साथ ही वही डेवलपर ब्रोकर का नाम इस्तेमाल कर सकेंगे जिनसे करार हुआ है. साथ ही 2 फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूरी होगा ताकि निवेशक भी जान सकें. इसके अलावा ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी वाले सॉफ्टवेयर्स की एक्सचेंज से मंजूरी जरूरी होगी. जनवरी तक सभी पक्षों की राय के बाद आखिरी नियम बनेंगे.

Zee Business Hindi Live यहां देखें

सेबी को चिंता क्यों 

मार्केट रेगुलेटर सेबी को रीटेल एल्गो ट्रेडिंग (retail algo trading) को लेकर चिंता है. इसके पीछे कहा जा रहा है कि अनरेगुलेटेड एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस में जोखिम का खतरा है. बताया गया है कि कई डेवलपर्स गारंटीड रिटर्न वाले API सॉफ्टवेयर बेच रहे थे. हालांकि जोखिम को लेकर किसी भी तरह का भरोसा नहीं था.