मार्केट रेग्युलेटर SEBI सेटलमेंट को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी में है. इसके लिए कंसल्टेशन पेपर जारी किया गया है. सेबी ने 'T+0' और इंस्टैंट सेटलमेंट लागू करने पर कंसल्टेशन पेपर जारी किया है. इसे जब लागू किया जाएगा तो निवेशकों को बड़ा फायदा होगा. जब कोई निवेशक शेयर बेचेगा तो उसे उसी दिन या रियल टाइम पर अकाउंट में पैसे  मिल जाएंगे. इसके अलावा स्टॉक खरीदने पर सेम डे में शेयर डीमैट अकाउंट में भी ट्रांसफर हो जाएगा.

12 जनवरी तक सुझाव मांगे गए हैं

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SEBI की तरफ से जारी कंसल्टेशन पेपर में कहा गया कि अगर 'T+0' और इंस्टैंट सेटलमेंट को लागू किया जाता है तो लिक्विडिटी की समस्या नहीं रहेगी. निवेशकों के पास T+1 के अलावा T+0 और इंस्टेंट सेटलमेंट का विकल्प होगा. मार्केट रेग्युलेटर ने 12 जनवरी तक सभी पक्षों से सुझाव मांगे हैं.

क्या होगा T+0 और इंस्टैंट सेटलमेंट से फायदा?

T+0 सेटलमेंट से उसी दिन खरीदार को शेयर और उसी दिन विक्रेता को फंड आ जाएगा. इंस्टैंट सेटलमेंट में इंस्टैंट शेयर मिलेंगे और सेलर्स को फंड आ जाएगा. सेबी ने T+0 लागू करने के लिए मार्च 2024 की समय सीमा तय की थी, जबकि इंस्टैंट सेटलमेंट उसके एक साल बाद लाने का लक्ष्य है. इसी साल जनवरी में T+1 का सेटलमेंट सिस्टम पूरी तरह अमल में लाया गया था.

पहले T+5 सेटलमेंट का नियम था

बता दें कि आज से 20-22 साल पहले T+5 सेटलमेंट का नियम था. SEBI ने 2002 में T+3 सेटलमेंट को लागू किया. 2003 में फिर T+2 सेटलमेंट को लागू किया गया. अगले 19 सालों तक ऐसा चलता रहा. डिजिटाइजेशन का फायदा मिला और फिर 2021 में T+1 सेटलमेंट को लाया गया. जनवरी 2023 से इसे पूर्ण रूप से लागू कर दिया गया है. अब 2024 में T+0 और फिर 2025 में इंस्टैंट सेटलमेंट का प्लान है.