अवैध या फर्जी कारोबार पर लगाम लगाने के लिए सरकार लगातार कड़े फैसले ले रही है और इसका असर भी दिखाई देने लगा है, फिर भी कुछ लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. समय-समय पर सरकार जालसाजी या असामाजिक घटनाओं को रोकने के लिए आम आदमी की मदद लेती है और इसका के लिए उन्हें अच्छी रकम भी दी जाती है. कुछ ऐसा ही कदम भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने उठाया है. सेबी ने फर्जीवाड़ा करने यानी भेदिया कोराबार (इनसाइडर ट्रेडिंग) करने वालों की जानकारी देने पर 1 करोड़ रुपये बतौर इनाम देने का ऐलान किया है. 

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खास बात ये है कि अगर आप किसी भेदिया कारोबार के बारे में सेबी को जानकारी देते हैं तो आपकी पहचान तो पूरी तरह से गुप्त रखी ही जाएगी, साथ ही जानकारी मुहैया कराने के लिए आपको हॉटलाइन समेत अन्य सहूलियतें भी दी जाएंगी. इन सब के अलावा भेदिया कारोबार की सूचना देते समय अगर आपसे कोई गड़बड़ी भी हुई है तो उसका भी निपटारा किया जाएगा. 

क्या होता है भेदिया कारोबार

कई बार कोई कंपनी अपने बारे में सही जानकारी न देकर फर्जी सूचनाओं के आधार पर स्टॉक मार्केट में कारोबार करती है. इससे सरकार को तो चूना लगता ही है, आम आदमी के मेहनत की कमाई भी डूब जाती है. कुछ कंपनियां कीमतों से जुड़ी जानकारी छिपा कर कारोबार करती हैं. इस तरह के कारोबार को इनसाइडर ट्रेडिंग कहा जाता है. 

 

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सेबी ऐसे कारोबार पर रोक लगाने के लिए समय-समय पर कड़े कदम उठाती रहती है. सेबी के लिये यह जरूरी है कि इनसाइडर ट्रेडिंग का पता लगाने के लिए कानूनों का इस्तेमाल करे और निवेशकों के बीच मार्केट का भरोसा कायम रखे.

इनसाइडर ट्रेडिंग का पता लगाने के लिए सेबी आम आदमी की भी मदद लेती है, जिसके बदले उन्हें नकद इनाम दिया जाता है. 

कैसे और क्यों जुड़ें सेबी से

सेबी को इस तरह के मामलों की जांच के लिए सबूत जुटाने पड़ते हैं और सबूत हासिल करने के लिए सेबी को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जिसके चलते जांच बहुत लंबी खिंच जाती है. कंपनियों के फर्जीवाड़े के खिलाफ सही ढंग से और समय पर कार्रवाई करने के लिए सेबी ने आम लोगों की मदद मांगी है. इसके लिए सेबी ने इनाम योजना भी शुरू की है. ताकि जिनके पास भेदिया कारोबार के बारे में जानकारी है, वे उसे सेबी को देकर बड़ा इनाम जीत सकते हैं. 

इस पूरे काम को फुलप्रूफ करने के लिए सेबी ने एक ड्राफ्ट भी तैयार किया है. सेबी के पीआईटी नियमन में एक सुधार किया है जिसमें इनसाइडर ट्रेडिंग की सूचना देने वालों को स्वैच्छिक सूचना घोषणा फार्म (VIDF) देने की जरूरत है.

इस फार्म में इनसाइडर ट्रेडिंग मामले से जुड़ी सभी सही सूचना देनी होंगी. आपने यह सूचना कहां से जुटाई, इस बारे में भी लिखित में बताना होगा. इसमें यह बताना होगा कि यह जानकारी उसे सेबी या अन्य किसी बोर्ड में तैनात कर्मचारी या अधिकारी से नहीं मिली है.

पूरे मामले की जांच के लिए सेबी एक अलग से यूनिट तैयार करेगा. यह यूनिट ही आपके द्वारा दी गई सूचनाओं की जांच करेगी. सेबी की यह जांच यूनिट तय करेगी कि आपके द्वारा दी गई सूचना से किसी कंपनी ने कम से कम 1 करोड़ का गबन किया है, तो आपको नकद इनाम दिया जाएगा और यह इनाम सेबी इस रकम का 10 फीसदी होगा. इस तरह आप ज्यादा से ज्यादा 1 करोड़ रुपये तक का इनाम हासिल कर सकते हैं.