मार्केट रेग्युलेटर SEBI बोर्ड की बैठक शुक्रवार को हुई जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए. FPI यानी फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स के लिए एडिशनल डिस्क्लोजर में राहत दी गई है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत जिस FPI का 50 फीसदी से अधिक इंडियन इन्वेस्टमेंट किसी एक कॉर्पोरेट में है, उनके लिए एडिशनल डिस्क्लोजर में छूट दी गई है.

IPO लाने के नियमों में बदलाव

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IPO लाने से जुड़े नियमों में कई बदलावों को  भी मंजूरी मिली है. मिनिमम प्रमोटर कॉन्ट्रिब्यूशन तय करने के नियम में राहत दी गई है. IPO के लिए कनवर्जन वाले शेयर भी कॉन्ट्रिब्यूशन में मान्य होगा. 20% से कम प्रमोटर कॉन्ट्रिब्यूशन पर भी IPO लाने की छूट दी गई है. बिना प्रमोटर टैग के प्रमोटर कॉन्ट्रिब्यूशन देने का मौका मिलेगा. इश्यू साइज घटने/बढ़ने पर DRHP री-फाइलिंग में छूट मंजूर. इश्यू साइज का 1% सिक्योरिटी डिपॉजिट रखने की शर्त हटा दी गई है. 

कंप्लायंस नियमों में राहत दी गई

इसके अलावा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत कंपनियों के लिए कंप्लायंस नियमों में राहत दी गई है. कठिन स्थिति में बोली मियाद 1 दिन बढ़ाने की भी छूट मिली. मार्केट कैप रैकिंग आधारित लागू कई नियमों में छूट को मंजूरी. बोर्ड मीटिंग की पूर्व जानकारी देने के नियम में समानता होगी. रिस्क मैनेजमेंट कमेटी की मीटिंग के नियमों में भी छूट मंजूर है.

T+0 के बीटा वर्जन को मंजूरी

सेबी बोर्ड ने तेज सेटलमेंट के लिए T+0 के बीटा वर्जन को भी मंजूरी दी है. 25 शेयरों के लिए और चुनिंदा ब्रोकर्स के साथ इसकी शुरुआत की जाएगी. पहले 3 और 6 महीने की प्रोग्रेस देखी जाएगी जिसके बाद आगे फैसला लिया जाएगा.