SEBI Big Decision: मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) ने रजिस्ट्रार और शेयर ट्रांसफर एजेंटों (RTAs) ने बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले में सेबी ने कहा कि ज्वाइंट होल्डर अकाउंट में किसी की मृत्यु होने पर जीवित खाताधारक के पक्ष में सिक्योरिटीज को ट्रांसफर करें. सेबी ने बताया कि कुछ मामलों में ऐसा देखा गया है कि किसी खाताधारक की मौत पर कानूनी प्रतिनिधि दावे या विवाद की वजह से RTA ने जीवित ज्वाइंट होल्डर को सिक्योरिटीज का ट्रांसफर नहीं किया. 

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सेबी ने एक सर्कुलर में RTA को कंपनी अधिनियम 2013 के प्रावधानों का पालन करने और एक या ज्यादा ज्वाइंट होल्डर्स की मौत की स्थिति में जीवित ज्वाइंट होल्डर के पक्ष में सिक्योरिटीज को ट्रांसफर करने के लिए कहा है. 

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फिजिकल सर्टिफिकेट से नाम हटाने का प्रावधान

बता दें कि नियमों के मुताबिक, ज्वाइंट होल्डिंग के मामले में अगर किसी एक या उससे ज्यादा होल्डर्स की मौत के बाद जीवित अकाउंट होल्डर मृतक का नाम फिजिकल सर्टिफिकेट से हटा सकता है. इतना ही नहीं, जीवित अकाउंट होल्डर सिक्योरिटीज को डीमटेरियलाइज करवा सकता है. 

बता दें कि फिजिकल मोड में रखे गए सिक्योरिटीज का ट्रांसफर 1 अप्रैल 2019 से बंद कर दिया गया था. हालांकि निवेशकों को फिजिकल रूप में शेयर रखने से रोका नहीं गया था. 

निवेशक का पोर्टफोलियो और इंवेस्टमेंट और सुरक्षित होगा

इससे पहले, सेबी ने निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए पोर्टफोलियो मैनेजमेंट संबंधित सभी लोगों के लिए सर्टिफिकेशन प्रोग्राम को जरूरी किया था. बता दें कि पोर्टफोलियो मैनेजर्स के लिए डिस्ट्रीब्यूटर या एंप्लॉयी के तौर पर काम कर रहे लोगों के लिए कैपिटल मार्केट का सर्टिफिकेट जरूरी है.