SEBI के एक्शन के बाद 11% टूटा IIFL Securities का शेयर, अगले 2 साल नए क्लाइंट्स नहीं बनाएगी कंपनी
SEBI Ban IIFL Securities for 2 Years: सेबी के आदेश के मुताबिक, इस ब्रोकरेज कंपनी ने अपने क्लाइंट्स के फंड्स का गलत इस्तेमाल किया, जिसकी वजह से सेबी ने ये फैसला लिया है और कंपनी पर 2 साल तक का बैन लगा दिया है.
SEBI Ban IIFL Securities for 2 Years: कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने ब्रोकरेज हाउस IIFL Securities पर 2 साल का बैन लगा दिया है. ये कंपनी पहले India Infoline Ltd के नाम से जानी जाती थी. इस कंपनी पर सेबी (सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने 2 साल का बैन क्लाइंट्स के फंड्स का गलत इस्तेमाल करने के आरोप में लगाया है. सेबी के नए आदेश के मुताबिक, कंपनी अब अगले 2 साल तक नए क्लाइंट्स नहीं बनाएगी. सेबी के आदेश के मुताबिक, इस ब्रोकरेज कंपनी ने अपने क्लाइंट्स के फंड्स का गलत इस्तेमाल किया, जिसकी वजह से सेबी ने ये फैसला लिया है और कंपनी पर 2 साल तक का बैन लगा दिया है. हालांकि आज के ट्रेडिंग सेशन के दौरान IIFL Sec का शेयर 11 फीसदी से ज्यादा टूटा है. कंपनी ने अपनी सफाई में बयान जारी करते हुए कहा है कि ये मामला 2011-2017 के बीच है और उस समय नियम कुछ और थे.
अप्रैल 2011 से जनवरी 2017 के बीच का है मामला
सिक्योरिटीज़ एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अप्रैल 2011 से लेकर जनवरी 2017 के बीच IIFL Securities के अकाउंट्स की मल्टीपल जांच की, जिसके बाद सेबी ने ये आदेश जारी किया. सेबी ने अपनी जांच में पाया कि IIFL ने अपने क्रेडिट बैलेंस क्लाइंट के फंड्स का इस्तेमाल किया था.
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क्लाइंट्स के फंड्स का किया इस्तेमाल
सेबी ने बताया कि कंपनी ने अपने प्रॉपराइटरी ट्रेड्स के सेटलमेंट के लिए इस फंड का इस्तेमाल किया था. इसके अलावा डेबिट बैलेंस क्लाइंट्स के ट्रेड्स के लिए भी इस फंड का इस्तेमाल किया गया था. सेबी ने अप्रैल 2011 से लेकर जून 2014 के बीच फंड्स का इस्तेमाल किया था. इसके अलावा सेबी ने बताया कि मार्च 2017 में भी उल्लंघन के मामले दिखे.
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सेबी ने अपने आदेश में बताया कि डेबिट बैलेंस क्लाइंट्स के ट्रेड्स का इस्तेमाल क्रेडिट बैलेंस क्लाइंट्स के लिए किया गया. कंपनी ने 809 ट्रेडिंग दिनों में से 795 ट्रेडिंग दिनों में ये काम किया. सेबी ने 1 अप्रैल 2011 से 30 जून 2014 तक ये अकाउंट्स की जांच की. इसी दौरान, ब्रोकरेज कंपनी ने क्रेडिट बैलेंस वाले क्लाइंट्स के फंड्स का इस्तेमाल प्रॉपराइटरी ट्रांजैक्शन में किया. अप्रैल 2011 से लेकर जून 2014 के बीच 42 ट्रेडिंग सेशन के दौरान ब्रोकरेज कंपनी ने ये काम किया.
सेबी ने आदेश में कही ये बात
SEBI ने अपने आदेश में कहा कि ब्रोकरेज कंपनी IIFL ने क्रेडिट बैलेंस क्लाइंट्स के कानूनी हित में गलत काम किया और ना सिर्फ कंपनी ने खुद को फायदा पहुंचाया बल्कि डेबिट बैलेंस क्लाइंट्स को भी फायदा पहुंचाया. जिसकी वजह से सेबी ने IIFL Securities Limited को नए क्लाइंट्स को अगले 2 साल तक ना जोड़ने का फैसाल सुनाया है. बता दें कि मई 2022 में रेगुलेटर ने ब्रोकरेज कंपनी IIFL सिक्योरिटीज़ पर 1 करोड़ रुपए की पेनाल्टी लगाई थी.
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