Stock Market Outlook: इस हफ्ते बाजार में लगतार बिकवाली का दबाव देखने को मिला और सेंसेक्स व निफ्टी कमजोर होकर बंद हुए. यूएस फेड द्वारा दरें बढ़ाए जाने के संकेत, सेंट्रल बैंकों की सख्त पॉलिसी, ओमिक्रॉन के बढ़ रहें मामले, ECB द्वरा रेट हाइक, रुपये में कमजोरी और FIIs द्वरा लगातार बिकवाली के चलते निवेशकों का सेंटीमेंट कमजोर हुआ है. पिछले हफ्ते FIIs ने बाजार से 10450 कऱोड़ रुपये निकाल लिए. बीते शुक्रवार को निफ्टी 17000 के नीचे फिसल गया है. सेंसेक्स में भी करीब 900 अंकों की गिरावट रही है. एक्सपर्ट का कहना है कि बाजार के लिए अभी कोई भी फ्रेश पॅजिटिव ट्रिगर नहीं है. ऐसे में बाजार में सेलिंग प्रेशर जारी रह सकता है. निफ्टी के लिए नीचे की ओर 16900 का स्तर अहम होगा, जिसके ब्रेक होने पर गिरावट बढ़ सकती है. 

ओमिक्रॉन से जुड़े डेवलपमेंट पर नजर

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Religare Broking के VP अजीत मिश्रा का कहना है कि किसी भी बड़े इवेंट के अभाव में ग्लोबल संकेत घरेलू बाजार के ट्रेंड को तय करेंगे. निवेशकों की नजर कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन से जुड़े डेवलपमेंट पर होगी. इससे जुड़ा कोई निगेटिव डेवलपमेंट बजर में अस्थिरता बढ़ सकता है. प्राइमरी मार्केट के मोर्चे पर, भारत की सबसे बड़ी कैश मैनेजमेंट कंपनी CMS Info Systems का आईपीओ अगले हफ्ते खुल रह है. 

US फेड द्वारा पॉलिसी को सख्त करने की घोषणा से निवेशकों का सेंटीमेंट बिगड़ा है. फेड का एलन ऐसे समय हुआ है जब ग्लोबल अर्थव्यवस्था एक बार फिर से नए कोविड 19 के नए वेरिएंट की छाया में है. ऐसे में बाजार में उतार चढ़ाव और बढ़ सकता है और निफ्टी को 16,900-16,700 के प्रीवियस स्विंग लो के आस पास देखा जा सकता है. वहीं किसी भी रीबाउंड के केस में निफ्टी के लिए 17150-17350 का लेवल रेजिस्टेंस के रूप में कम करेगा. उनका कहन है कि जबतक बाजार में स्थिरत न लौटे निवेशकों को “sell on rise” के अप्रोच पर काम करना चाहिए.

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बाजार में रहेगा बिकवाली का दबाव

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि ग्लोबल स्तर पर बाजारों में बिकवाली देखी गई क्योंकि दुनियाभर के सेंट्रल बैंक अपनी मौद्रिक नीति को सख्त कर रहे हैं. वहीं ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे ग्लोबल इकोनॉमी को लेकर चिंता बढ़ गई है. ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले बढ़ने से क्रूड की कीमतों में भी गिरावट आई है. नए प्रतिबंध तेल की मांग को प्रभावित कर सकते हैं. ओवरआल अगले हफ्ते भी बाजार में हाई लेवल से बिकवाली का दबाव देखने को मिल सकता है. बाजार मंदी के दायरे में बना हुआ है. निगेटिव ग्लोबल संकेतों, एफआईआई की लगातार बिकवाली, पॉजिटिव ट्रिगर का अभाव और ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों से बाजार पर दबाव जारी रहने की आशंका है. 

निफ्टी के लिए 16900 का लेवल अहम

Swastika Investment के रिसर्च हेड संतोष मीना का कहना है कि टेक्निकली निफ्टी में 17600 के लेवल से सेलिंग प्रेशर देखने को मिल रहा है और अब इंडेक्स के लिए 16900 का लेवल क्लोजिंग बेसिस पर इमेडिएट और महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल बन गया है. अगर निफ्टी 16900 के नीचे फिसलता है तो इसमें 16700-16400 के लेवल तक कमजोरी आ सकती है जो क्रिटिकल डिमांड जोन है. अपसाइड में निफ्टी के लिए 17250-12375 के लेवल पर क्रिटिकल सप्लाई जोन होगा. निफ्टी अगर इसे ब्रेक करता है तो इसमें शॉर्ट कवरिंग रैली देखने को मिल सकती है. 

बैंक निफ्टी पर व्यू

बैंक निफ्टी की बात करें तो यह इस हफ्ते अंडरपरफॉर्मर रहा है और अपने 200-DMA के नीचे बंद हुआ है. अगर यह अगले हफ्ते 200-DMA के नीचे ट्रेड करता है तो 34800/34000 के लेवल तक कमजोर हो सकता है. वहीं अपसाइड में बैंक निफ्टी के लिए 36000 के लेवल पर इमेडिएट हर्डल दिख रहा है, जिसके ब्रेक होने पर यह 36500 के लेवल की ओर मूव कर सकत है जो अगला क्रिटिकल हर्डल होगा.