Mutual Funds: पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने म्यूचुअल फंड्स  को फिर से विदेशी शेयरों में निवेश करने की परमिशन दे दी है.यह निवेश उद्योग के लिए सात अरब अमेरिकी डॉलर की कुल जरूरी लिमिट के भीतर किया जा सकेगा. यह फैसला इंटरनेशनल स्टॉक्स का मूल्यांकन नीचे आने को देखते हुए किया गया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, सेबी ने जनवरी में म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) घरानों से कहा था कि वे विदेशी शेयरों में निवेश करने वाली योजनाओं में नए ग्राहक बनाना बंद कर दें.

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क्यों लगी थी रोक

खबर के मुताबिक, कस्टमर बनाने पर रोक का निर्देश मुख्य रूप से म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) उद्योग की तरफ से विदेशी निवेश के लिए तय सात अरब अमेरिकी डॉलर की जरूरी सीमा को पार करने के चलते जारी किया गया था. वैश्विक शेयरों में हालिया मंदी ने सभी म्यूचुअल फंड घरानों द्वारा एक साथ किए गए निवेश के संचयी मूल्य को कम कर दिया.

 विदेशी निवेश फरवरी के लेवल तक सीमित रखने के निर्देश

सेबी (SEBI) ने बीते शुक्रवार को एम्फी को भेजे एक संदेश में कहा कि म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) योजनाएं 1 फरवरी 2022 को म्यूचुअल फंड स्तर पर विदेशी निवेश के लिए तय सीमा का उल्लंघन किए बिना सब्सक्रिप्शन फिर से शुरू कर सकती हैं और विदेशी फंड/प्रतिभूतियों में निवेश कर सकती हैं. नियामक ने साथ ही भारतीय म्यूचुअल फंड संघ (एम्फी) से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि हर एएमसी या म्यूचुअल फंड की तरफ से विदेशी निवेश फरवरी के लेवल तक सीमित रहे.

म्यूचुअल फंड्स के लिए नॉमिनेशन जरूरी

सेबी ने अब म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) के लिए भी नॉमिनेशन की व्यवस्था को जरूरी करने का फैसला कर लिया है.सेबी की तरफ से जारी एक सर्कुलर के मुताबिक 1 अगस्त 2022 से म्युचुअल फंड्स के जितने भी नए निवेशक जुड़ेंगे, उनके लिए नॉमिनेशन फॉर्म या आप्ट आउट डेक्लेरेशन फॉर्म का विकल्प देना होगा.

सेबी सर्कुलर के मुताबिक 31 मार्च 2023 तक सभी मौजूदा म्यूचुअल फंड निवेशकों (mutual fund investors) के नॉमिनेशन या ऑप्ट आउट डेक्लेरेशन की प्रक्रिया पूरी कर लेनी होगी. ऐसा न होने पर म्यूचुअल फंड खाता फ्रीज कर दिया जाएगा.