म्यूचुअल फंड कंपनियों (Mutual Funds Companies) ने लॉकडाउन के दौरान शेयर बाजारों में 1,230 करोड़ रुपये का निवेश किया है. उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि म्यूचुअल फंड कंपनियों को बाजार में एक अच्छे प्रवेश बिंदु का अब भी इंतजार है. वे कॉरपोरेट घरानों द्वारा किसी संभावित निकासी के मद्देनजर अपने नकदी स्तर को ऊंचा बनायी हुई हैं.

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प्राइमइन्वेस्टर डॉट इन की सह-संस्थापक विद्या बाला ने कहा कि आगे चलकर शेयरों में म्यूचुअल फंडों का निवेश निवेशकों द्वारा उनको मिले प्रवाह पर निर्भर करेगा. हालांकि, यह काफी चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि अगली तिमाही तक बड़ी संख्या में खुदरा निवेशकों का वेतन घटेगा और उनकी नौकरी जाने का भी खतरा रहेगा.

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा के बाद से म्यूचुअल फंड कंपनियों ने शेयरों में 1,230 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है.

मार्च के अंतिम सप्ताह में म्यूचुअल फंडों ने शेयरों में 6,363 करोड़ रुपये डाले, जबकि अप्रैल में उन्होंने 7,965 करोड़ रुपये की निकासी की. आंकड़ों के अनुसार मई में उन्होंने 2,832 करोड़ रुपये का निवेश किया.

आशिका वेल्थ एडवाइजर्स के सह-संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित जैन ने कहा कि म्यूचुअल फंड कंपनियां शेयरों में बड़ी राशि नहीं लगा रही हैं. उन्हें अभी एक अच्छे प्रवेश बिंदु का इतंजार है. जैन ने कहा कि म्यूचुअल फंड कंपनियाों को यह दो माह में उपलब्ध हो सकता है.

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उन्होंने कहा कि इसके अलावा म्यूचुअल फंड कंपनियां अपने पास काफी तरलता कायम रख रही हैं, क्योंकि लॉकडाउन के बाद कॉरपोरेट घरानों की ओर से उन्हें निकासी दबाव का सामना करना पड़ सकता है.