Mutual Funds Investment Trend: बाजार की रिकॉर्ड तेजी में अब इक्विटी म्यूचुअल फंड में पैसे लगाने वाले निवेशक अलर्ट दिख रहे हैं. इक्विटी फंड में पैसे लगाने वाले निवेशक अब बाजार के हाई वैल्युएशन को देखकर लार्जकैप, मिडकैप और स्मालकैप जैसी स्कीम से मुनाफा वूसली कर रहे हैं. वहीं ये पैसे निकालकर वे ज्यादा सुरक्षित माने वाले फ्लेक्सी कैप, बैलेंस्ड एडवांटेज फंड और मल्टीकैप स्कीमों में लगा रहे हैं. यानी उन्हें इक्विटी का रिटर्न तो चाहिए, लेकिन अब उनका फोकस पैसिव फंड की ओर बढ़ रहा है. एक्सपर्ट का कहना है कि निवेशक अभी जल्दबाजी करने की बजाए वेट एंड वॉच के मूड में हैं.

निवेशक अब कहां लगा रहे हैं पैसा

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मोतीलाल ओसवाल AMC के हेड आफ प्रोडक्ट उमंग ठाकेर का कहना है कि अगस्त की बात करें तो निफ्टी ने सिर्फ 19 दिनों की ट्रेडिंग में 1000 अंकों की छलांग लगाते हुए पहली बार 17000 का स्तर पार ​किया. इस दौरान लार्जकैप के अलावा अन्य कटेगिरी में भी जोरदार तेजी आई है. इस दौरान म्यूचुअल फंड निवेशकों ने फ्लैक्सी कैप की ओर अपना पैसा शिफ्ट किया है. बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में भी अच्छा खासा निवेश हुआ है. इस सेग्मेंट में NFO के चलते भी भारी निवेश देखने को मिला.

BPN Fincap के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि पहले से ही हाई वैल्युएशन पर चल रहे बाजार में निवेशक अभी ज्यादा रिस्क लेने के मूड में नहीं हैं. इसी वजह से अगस्त की तेजी में भी उन्होंने लार्जकैप, मिडकैप और स्मालकैप से अपना पैसा फ्लेक्सी कैप और बैलेंस्ड एडवांटेज फंड की ओर शिफ्ट किया है. इनमें भी फ्लेक्सी कैप में सबसे ज्यादा निवेश हुआ है. ये कटेगिरी ज्यादा सुरक्षित मानी जाती हैं.

फ्लेक्सी कैप में 4741 करोड़ शुद्ध निवेश

अगस्त में इक्विटी म्यूचुअल फंड में 8,666 करोड़ का इनफ्लो रहा है, जो जुलाई में 22,583 करोड़ रुपये था. इस दौरान फ्लेक्सी कैप में 4741 करोड़ शुद्ध निवेश आया है. दूसरे नंबर पर फोकस्ड फंड (3073 करोड़) रहे हैं, जबकि उसके बाद सेक्टोरल फंड (1885 करोड़) में निवेश आया है. वहीं निवेशकों ने अगस्त में लार्जकैप, मिडकैप और स्मालकैप से पैसे निकाले हैं.

आगे क्या होनी चाहिए स्ट्रैटेजी

निगम का कहना है कि जब तक बाजार में इस तरह की तेजी बनी हुई है, निवेशकों को इंतजार करना चाहिए. अगर करेक्शन ज्यादा होता है, तो एडिशनल परचेज करना चाहिए. नहीं तो बाजार के स्थिर होने पर वापस पैसे लार्जकैप, मिडकैप और स्मालकैप की ओर शिफ्ट कर सकते हैं. मौजूदा समय में एसेट अलोकेशन थीम बेहतर है. पहले से इस थीम पर चल रहे हैं तो उसे बनाए रखें.

क्या होते हैं फ्लेक्सी कैप फंड

मार्केट रेगुलेटर सेबी के अनुसार फ्लेक्सी कैप फंड को कम से कम 65 फीसदी निवेश इक्विटी में करना जरूरी है. लेकिन यहां फंड मैनेजर्स को यह तय करने की दूट रहती है कि किस तरह के मार्केट कैप वाले शेयरों मे कितना प्रतिशत निवेश करना है. इसका फायदा यह है कि बाजार की चाल के हिसाब से फंड मैनेजर समय समय पर पोर्टफोलियो में बदलाव कर सकते हैं, इससे इस कटेगिरी में रिस्क कम हो जाता है. सेबी द्वारा नवंबर 2020 में इस कटेगरी को लॉन्च किया गया था. इसी वजह से हाल फिलहाल में इस कटेगिरी में NFO आने का ट्रेंड चला है.