मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) निवेशकों की एक बड़ी सहूलियत देने की तैयारी में हैं. मार्केट रेगुलेटर डीमैट अकाउंट (Demat Account) की डॉरमेंसी का पैमाना बदलने पर विचार कर रहा है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक इसको लेकर नए प्रस्‍ताव लाया जा सकता है. साथ ही सेबी डीमैट खातों से फ्रॉड को रोकने के भी उपाय पर विचार कर रहा है. 

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सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक, डीमैट खातों की डॉरमेंसी पर सेबी का नए नियम लाने का प्रस्ताव है. सभी एक्सचेंज और डिपॉजिटरीज में एक समान ही नियम बनाए जाने की तैयारी है. नए प्रस्‍ताव के मुताबिक, 6 के बदले 12 महीने तक ट्रांजैक्शन न होने पर ही डीमैट अकाउंट को इनैक्टिव माना जाएगा. इसके  अलावा अगर SIP, राइट्स इश्यू आदि की अर्जी दी गई, तो अकाउंट एक्टिव माना जाएगा. हालांकि बोनस, स्टॉक स्प्लिट आदि एक्टिव के लिए मान्य नहीं होंगे. 

डीमैट अकाउंट होंगे ज्‍यादा सेफ

मौजूदा नियमों के मुताबिक, अभी 6 महीने तक डेबिट ट्रांजैक्शन नहीं तो अकाउंट इनैक्टिव में जाता है. डीमैट खातों को और सुरक्षित बनाने के लिए भी नए उपाय होंगे. इनैक्टिव खातों के डिलीवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप पते पर जाएंगे. सीनियर ऑफिसर के अथराइज करने पर ही DIS भेजा जाएगा. डीमैट खातों से एकमुश्त ट्रांसफर की अर्जी पर डबल वेरिफिकेशन होगा.