शेयर बाजार नियामक सेबी (SEBI) निवेशकों के अकाउंट्स में पड़े शेयरों और फंड्स की सेफ्टी बढ़ाने को लेकर काफी गंभीर है. सेबी ने ऐसे मामलों को जल्दी पता करने और उसके हिसाब से पॉलिसी बनाकर रोकने के लिए वर्किंग ग्रुप बनाया है. वर्किंग ग्रुप फ्रॉड रोकने पर बाजार नियामक को सुझाव देगा. निवेशकों की भारी शिकायत के बाद सेबी ने यह कदम उठाया है. ज़ी बिजनेस ने स्पेशल शो ‘डीमैट डाका’ में यह मुद्दा उठाया था. 

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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सेबी निवेशकों के अकाउंट्स की सेफ्टी को लेकर सख्‍त कदम उठाने की तैयारी में हैं. नियामक ने निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की घटनाओं पर लगाम लगाने पर सुझाव देने के लिए एक वर्किंग ग्रुप बनाया है. दरअसल, यह वर्किंग ग्रुप ब्रोकर्स के एप और सिस्टम दुरुस्त करने के लिए बनाया गया है. 

सूत्रों के मुताबिक, ब्रोकर्स के ट्रेडिंग सिस्टम में अतिरिक्त फीचर्स जोड़े जाएंगे. सेबी के पास सिम स्पूफिंग/क्लोनिंग, अनअथराइज्ड एक्सेस की शिकायतें मिल रही थी. अनअथराइज्ड, गलत ट्रांसफर, मल्टीपल लॉग इन भी इसमें एक अहम मुद्दा है. निवेशकों के फ्रॉड बचाने के लिए कॉन्टैक्ट का ब्यौरा बदलने पर ग्राहकों को अलर्ट करने के उपाय शामिल हैं. इसके अंतर्गत ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के ट्रांजैक्शन का तुरंत, तेज अलर्ट मिल सकेगा. 

‘डीमैट डाका’ में उठाया था मुद्दा

बिजनेस ने स्पेशल शो ‘डीमैट डाका’ में निवेशकों के साथ होने वाले इस तरह की धोखाधड़ी का मुद्दा उइाया गया था. निवेशकों की भारी शिकायतों के बाद सेबी का वर्किंग ग्रुप बनाया गया है. वर्किंग ग्रुप में एक्सचेंज, क्लीयरिंग, डिपॉजिटरीज, ब्रोकर्स के अलावा ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनियां, एक्सपर्ट्स भी शामिल हैं. 

 

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