दुनिया का सबसे बड़ा आईपीओ (world’s biggest IPO) खुल चुका है. विश्व की सबसे बड़ी तेल कंपनी (Petroleum Company) सऊदी अरामको (Saudi Aramco) ने आईपीओ (IPO) के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए हैं. इस आईपीओ (Saudi Aramco IPO) को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. इस आईपीओ को कैसा रिस्पांस मिल रहा है और इसका दुनिया के बाजार पर क्या असर होगा, इस पर मार्केट गुरु अनिल सिंघवी की राय से आपको अवगत कराते हैं.

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ज़ी बिज़नेस (Zee Business) के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी के मुताबिक, सऊदी अरामको के आईपीओ को जो पब्लिक रिस्पांस मिलना चाहिए था, वह नहीं मिलता दिखाई दे रहा है. उसकी कई वजहें हैं. जैसे-

- क्रूड ऑयल (Crude Oil) के दाम ऊपर टिके रहेंगे, इसको लेकर सभी को संदेह है.

- ईंधन के मामले में अमेरिका आत्मनिर्भर हो रहा है, उसका तेल आयात लगातार कम हो रहा है.

- भारत समेत कई अन्य बड़े क्रूड निर्यात देश धीरे-धीरे अपना उत्पादन बढ़ा रहे हैं.

- इस आईपीओ की लिस्टिंग सऊदी अरब के तदावुल शेयर बाजार (Saudi Tadawul Exchange) में कराई जा रही है. 

- यह एक्सचेंज 7-8 साल पुराना है. संदेह है कि दुनिया के सबसे बड़े आईपीओ को यह नया एक्सचेंज संभाल पाएगा या नहीं.

- इस आईपीओ को लेकर अमेरिका, कनाडा के निवेशकों में बहुत उत्साह नहीं देखा जा रहा है.

- भारतीय निवेशकों के लिए यह आईपीओ सीधेतौर पर खुला नहीं है.

- कंपनी के पास यूरोप, गल्फ (Gulf Countries) और रूस के निवेशक बचे हैं. निवेश के लिए निवेशकों की संख्या कम है.

- दुनिया की ऑटो इंडस्ट्री इस समय इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इंडस्ट्री में बदल रही है. इससे आने वाले समय में तेल की मांग कम होगी.

 

तमाम बातों की समीक्षा करने के बाद यह बाद सामने आई है कि सऊदी अरामको के आईपीओ को बहुत ज्यादा रिस्पांस नहीं मिलता दिखाई दे रहा है.

सऊदी अरामको के IPO की अच्छी बातें-

- सऊदी अरामको ने सऊदी अरब (Saudi Arabia) के नागरिकों को कहा है कि अगर वे इस आईपीओ को 6 महीने तक रोक कर चलते हैं तो हर 10 शेयर पर 1 शेयर बोनस मिलेगा. 

- कंपनी ने निवेशकों को अगले साल 75 मिलियन डॉलर का डिविडेंड देने का ऐलान किया है.

- 4.5- 4.75 फीसदी की डिविडेंड डील आती है. इससे सऊदी अरब के निवेशकों को बहुत फायदा होगा. 

 

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क्या है रिस्क

इस आईपी की वजह से यह चर्चा है कि दुनियाभर से थोड़ी बहुत लिक्विडिटी (Liquidity) निकलकर सऊदी अरामको के पास चली जाएगी. गल्फ देशों से दुनिया के बाजार में आने वाले पैसे में थोड़े समय के लिए कमी आएगी.