Lok Sabha Election 2024 and Stock Market: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के लिए मतदान 19 अप्रैल को हो रहा है. चुनावी सीजन में शेयर बाजारों में भी उठापटक है. इनमें ग्‍लोबल सेंटीमेंट एक बड़ा फैक्‍टर है. मार्केट एक्‍सपर्ट मानते हैं कि चुनाव के दौरान राजनीतिक अनिश्चितता को देखते हुए शॉर्ट टर्म की बजाय लॉन्‍ग टर्म एसेट एलोकेशन जैसी स्‍ट्रैटजी पर फोकस करना चाहिए. दूसरी अहम बात की निवेशकों को सरकारी इनीशिएटिव्‍स के आधार पर पोर्टफोलियो तैयार करना चाहिए. 

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राइट रिसर्च की फाउंडर एंड स्‍मालकेस मैनेजर सोनम श्रीवास्‍तव का कहना है, चुनाव जैसी बढ़ी हुई राजनीतिक अनिश्चितता की अवधि के दौरान इन्‍वेस्‍टमेंट की स्‍ट्रैटजी सोच-समझकर बनानी चाहिए. बाजार के शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव के मुकाबले लॉन्‍ग टर्म एसेट एलोकेशन और और रिस्‍क मैनेजमेंट को प्राथमिकता देनी चाहिए. स्पष्ट रूप से मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों से बना एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने की जरूरत है. खासकर उन सेक्‍टर में जो राजनीतिक साइकिल को लेकर फ्लैक्सिबल हो. 

सोनम श्रीवास्‍तव ने चुनाव के दौरान भारतीय बाजारों में 2-3 शेयरों पर नजर रखने की सलाह दी है. इनमें Bharti Airtel, Dr Reddy's Laboratories शामिल हैं. टेलिकॉम सेक्‍टर में कई पॉजिटिव खबरें हैं और इलेक्‍शन के दौरान इस सेक्‍टर में हलचल बनी रहेगी. दूसरी ओर हेल्‍थ सर्विसेज सेक्‍टर आम तौर पर राजनीतिक साइकिल के दौरान फ्लैक्सिबल रहता है. 

Power, Tourism Sector पर रखें नजर 

कैपिटलमाइंड की सीनियर रिसर्च एनॉलिस्‍ट एंड स्‍मालकेस मैनेजर कृष्णा अप्पला का कहना है, सरकार की इनीशिएटिव्‍स के आधार पर पोर्टफोलियो को तैयार करना चाहिए. फिलहाल दो सेक्‍टर्स पावर एंड टूरिज्‍म पर सरकार का फोकस है. इनमें सरकार का खर्च और कंज्‍यूमर डिमांड भी है. इसका फायदा इन सेक्‍टर्स को मिल रहा है. 

उनका कहना है कि भारत के ट्रांसमिशन इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर (नई लाइन्‍स, सबस्‍टेशन और अन्‍य टेक्‍नोलॉजी शामिल) को विस्‍तार देने के लिए 2022 और 2027 के बीच करीब 4.75 लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी. 2032 तक सरकार का लक्ष्‍य 900 GW हासिल करने का है. फिलहाल यह 426 GW है. वहीं 40 से ज्‍यादा शहरों में मेट्रो प्रोजेक्‍ट प्‍लान्‍ड हैं. 2030 तक फ्रेट कॉरिडोर को 25kV तक अपग्रेड करना है. ऑयल एंड गैस सेक्‍टर में 1.5 लाख करोड़ का निवेश है. पावर सेक्‍टर में Voltamp और CG Power जैसी कंपनियां इन मौकों का लाभ उठाने के लिए तैयार हैं. 

 

टूरिज्‍म सेक्‍टर की बात करें, तो देशभर में होटल चेन की रूम सप्‍लाई 2007 से 9.4 फीसदी की CAGR से खासकर 2008 से 2014 के बीच बढ़ा है. फिलहाल करीब 1.65 लाख रूम्‍स उपलब्‍ध हैं. FY28 तक यह बढ़कर 2.2 लाख हो सकते हैं. अगले 5 साल में होटल सप्‍लाई 5-6 फीसदी सालाना से बढ़ सकती है. डिमांड 8-10 फीसदी की दर से ज्‍यादा हो सकता है. 

एवरेज डेली रेट (एक रात) करीब 6900 रुपये है. यह प्री-कोविड लेवल से बढ़ा है लेकिन यह 2007 के 7500 रुपये से नीचे है. उस समय ऑक्‍यूपेंसी 71 फीसदी है, जो अभी 66 फीसदी है. अगले 3-5 साल में होटल डिमांड में इजाफा हो सकता है. इसमें हमारा नजरिया India Hotels, SAMHI Hotels और EIH Hotels जैसी कंपनियों पर पॉजिटिव है. 

 

(डिस्‍क्‍लेमर: यहां शेयर में निवेश संबंधी सलाह एक्‍सपर्ट ने दी है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)