JM Financial Products NCD: शेयर बाजार में हाई वैल्युएशन के चलते निवेश करने से डर लग रहा है या बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट और स्माल सेविंग्स के घट रहे रिटर्न के चलते परेशान हैं. ऐसे में आज से यानी 23 सितंबर से निवेश के लिए आपके पास एक नया और शानदार विकल्प है. JM Financial Products ने अपना नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) जारी किया है, जिसमें 14 अक्टूबर तक निवेश किया जा सकता है. खास बात है कि इस NCD में निवेश के अलग अलग विकल्पों में 8.3 फीसदी तक ब्याज मिलेगा. अधिकतम मेच्योरिटी 100 महीनों की है.

इश्यू का कितना होगा साइज

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JM Financial Products नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर के जरिए 500 करोड़ रुपये जुटाएगी. इसका बेस इश्यू साइज 100 करोड़ का होगा. वहीं 400 करोड़ के ओवरसब्सक्रिप्सन का भी विकल्प होगा. यानी इश्यू का साइज 500 करोड़ हो सकता है. कंपनी सिक्योर्ड NCD के जरिए पैसे जुटाएगी.

कितना मिल रहा है ब्याज

JM Financial Products की NCD में निवेश के अलग अलग विकल्प हैं. इसमें 60 महीने (मंथली बेसिस पर ब्याज), 60 महीने (एनुअल बेसिस पर ब्याज) और 100 महीने (एनुअल बेसिस पर ब्याज) का विकल्प हैं. इन विकल्पों में ब्याज दर 7.91 फीसदी, 8.20 फीसदी और 8.30 फीसदी है. एक अन्य विकल्प 39 महीने का है, जिसमें फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट का विकल्प होगा.

कितना करना होगा निवेश

1 NCD का इश्यू प्राइस 1000 रुपये है. निवेशकों को कम से कम 10 NCD के लिए पैसे लगाने होंगे. यानी कम से कम 10,000 रुपये. इसके बाद 1 के मल्टीपल में पैसे लगा सकते हैं. इसकी लिस्टिंग स्टॉक एक्सचेंज पर होगी.

NCD रेटिंग

JM Financial Products की NCD को ICRA से AA/Stable (स्टेबल आउटलुक) रेटिंग मिली है. वहीं CRISIL से भी AA/Stable (स्टेबल आउटलुक) की रेटिंग मिली है. रेटिंग को देखें तो एनसीडी में पैसे लगाएं जा सकते हैं. यह सुरक्षित विकल्प हो सकता है.

क्‍या होता है NCD

नॉन-कन्‍वर्टिबल डिबेंचर यानी एनसीडी फाइनेंशियल इंस्‍ट्रूमेंट होते हैं. इन्‍हें कंपनी जारी करती है. इनके जरिये वह निवेशकों से पैसा जुटाती है. इसके लिए पब्लिक इश्‍यू लाया जाता है. इनमें निवेश करने वालों को एक तय दर से ब्‍याज मिलता है. एनसीडी की अवधि फिक्‍स होती है. इनकी मैच्‍योरिटी पर निवेशकों को ब्‍याज के साथ अपनी मूल रकम मिलती है. ये बैंक एफडी की तरह डेट इंस्‍ट्रूमेंट होते हैं.

सिक्‍योर्ड एनसीडी का मतलब इसमें कंपनी की सिक्‍योरिटी होती है. कंपनी अगर किसी वजह से निवेशकों को पैसे पेमेंट नहीं कर पाती तो निवेशक उसके एसेट को बेचकर अपना पैसा निकाल सकते हैं. अनसिक्‍योर्ड एनसीडी में कंपनी की सिक्‍योरिटी नहीं होती हैं. इस‍में जोखिम ज्यादा होता है.