DCX Systems IPO: केबल और वायर हार्नेस असेंबलीज बनाने वाली कंपनी डीसीएक्स सिस्टम्स का आईपीओ आज सब्सक्रिप्शन के लिए खुला. पहले दिन ही इस आईपीओ को 2.11 गुना सब्रक्रिप्शन मिला. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एनएसई पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, कंपनी के आईपीओ को 1,45,11,146 शेयरों की पेशकश पर 3,05,65,584 शेयरों के लिए बोलियां मिलीं. रिटेल सेगमेंट में 8.70 गुना, नॉन इंस्टीट्यूशनल कैटिगरी में 2.16 गुना और क्वॉलीफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स कैटिगरी में केवल 3 फीसदी सब्सक्रिप्शन मिला. इस आईपीओ के तहत कंपनी 400 करोड़ रुपए के नए शेयर जारी करेगी. इसके अलावा कंपनी 100 करोड़ रुपए की बिक्री पेशकश (ओएफएस) भी लेकर आई है.

कम से कम 15 हजार रुपए निवेश करने होंगे

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DCX Systems IPO के लिए टार्गेट प्राइस 197 रुपए से 207 रुपए रखा गया है. इश्यू का लॉट साइज 72 शेयरों का है. एक लॉट के लिए कम से कम 14,904 रुपये निवेश करने होंगे. कंपनी ने शुक्रवार को एंकर निवेशकों से 225 करोड़ रुपए जुटाए थे. यह फंडिंग 12 एंकर निवेशकों की तरफ से की गई थी. आईपीओ के पैसे का इस्तेमाल कंपनी कर्ज को घटाने और वर्किंग कैपिटल के तौर पर करेगी. यह कंपनी को प्रोडक्ट तैयार करती है उसका इस्तेमाल कम्युनिकेशन सिस्टम, सेंसर, सर्विलांस सिस्टम, मिसाइल सिस्टम, मिलिट्री आर्मर्ड व्हीकल्स और कई इलेक्ट्रॉनिकक्स वारफेयर सिस्टम में होते हैं.

क्या है अनिल सिंघवी की राय?

ज़ी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने छोटी साइज और छोटे प्राइस वाले DCX Systems के आईपीओ में पैसा लगाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा, कंपनी के प्रोमोटर की छवि साफ है. कंपनी का ऑर्डरबुक मजबूत है और ग्रोथ  आउटलुक बेहतर है. DCX Systems का वैल्युएशंस आकर्षक है. अनिल सिंघवी ने कहा, कंपनी के कुछ निगेटिव प्वाइंट्स भी हैं. कंपनी का कुछ ही ग्राहकों पर ज्यादा भरोसा है. वित्तीय आंकड़ों पर स्थिरता नहीं है.

11 नवंबर को लिस्टिंग

शेयर अलॉटमेंट 7 नवंबर को होगा. रिफंड की शुरुआत 9 नवंबर से होगी और 10 नवंबर तक डीमैट अकाउंट में शेयर आ जाएंगे. बाजार को उम्मीद है कि DCM Systems का शेयर NSE और BSE पर 11 नवंबर को लिस्ट हो सकता है. DCM Systems IPO से मिली रकम का इस्तेमाल कर्ज भुगतान, वर्किंग कैपिटल और अन्य समान्य कॉरपोरेट कार्यों के लिए करेगी. 

DCM Systems का कारोबार

DCX Systems देश की इलेक्ट्रॉनिक सब-सिस्टम और केबल हारनेस बनाने वाली दिग्गज कंपनी है. कंपनी ने 2020 में कर्नाटक के बंगलुरू में नया मैन्युफक्चरिंग प्लांट शुरू किया. कंपनी के पास भारत, इजराइल, US और कोरिया में 26 ग्राहक हैं. इन ग्राहकों में फॉर्च्युन 500 कंपनियां भी शामिल हैं. FY22 में कुल आय 683.24 करोड़ रुपए रही, जबकि मुनाफा 128.69 करोड़ रुपए था.