पिछले 1 साल में फाइनेंशियल सेक्टर में दिक्कतें रही हैं. लेकिन अब बाजार (Stock MArket) सुधर रहा है. ग्लोबल हालात में भी अब सुधार हो रहा है. इसलिए अगली दिवाली (Diwali) निवेशकों के लिए अच्छी रहेगी. इस सुस्ती के बाद भी 1 साल में निफ्टी (Nifty) ने 10% का रिटर्न दिया. क्रेडिट रिस्क फंड (credit risk fund) में भी 7-8% रिटर्न मिले. 

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दिवाली सीजन (Festive Season) चल रहा है और इस बार बाजार भी दिवाली मनाने के मूड में है. स्टॉक मार्केट (Stock Market) लगातार ऊंचाइयां छू रहा है. बाजार इस समय चौतरफा गुलजार है. कुछ समय पहले उठा-पटक का दौर चल रहा था, अब थम चुका है. जो भी निवेशक बाजार की इस उल्टी-सीधी चाल से परेशान होकर बाहर निकलने का मन बना चुके थे, उनके लिए बाजार में टिके रहने के लिए अच्छा मौका है. 

मार्केट एक्सपर्ट अभी से अगली दिवाली के लिए पोर्टफोलियो में सुधार करने और अपने इन्वेस्टमेंट को बढ़ाने की सलाह दे रहे हैं. एसबीआई म्यूचुअल फंड (SBI Mutual Fund) के ED और CIO नवनीत मुनोत के मुताबिक, निवेश के नए अवसर खुल रहे हैं. सरकार की नीतियों और बाजार के मूड से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस दिवाली निवेश करेंगे तो अगली दिवाली तक अच्छा रिटर्न मिलेगा. 

इकोनॉमी को मिलेगा बूस्ट

5 ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने की दिशा में बड़े कदम उठाने होंगे. हालांकि कॉरपोरेट टैक्स (Corporate tax) में कटौती करना बड़ा साहसिक फैसला था और इससे कॉरपोरेट टैक्स घटने से बड़ा विदेशी निवेश आएगा. ट्रेड वॉर के चलते कंपनियां भारत की तरफ रुख कर सकती हैं. इसके अलावा रिजर्व बैंक ने भी ब्याज दरों में लगातार कटौती की है. RBI ने भी पिछले 1 साल में 1.35% रेट कटौती की है. इसका सकारात्मक असर बाजार पर पड़ रहा है. 

रिफॉर्म पर फोकस जरूरी

डायरेक्ट टैक्स कोड में भी सुधार जरूरी है. इनकम टैक्स का नाम 'स्वाभिमान योगदान' करना चाहिए. GST का नाम 'राष्ट्र निर्माण' कर देना चाहिए. सरकार को इनकम टैक्स, GST दरें घटाने की जरूरत है. टैक्स दरें घटने से सरकार की आय बढ़ेगी. टैक्स प्रक्रिया को और आसान करना होगा. निवेश बढ़ाने के लिए LTCG पर फैसला जरूरी है. बाजार में घरेलू निवेशकों की भागीदारी कम है, इसे बढ़ाना होगा.

बाजार की कैसी रहेगी चाल

अगली दिवाली तक इकोनॉमी और बाजार के मूड में काफी हद तक सुधार आएगा. सरकार ने जो फैसले लिए हैं, उसका रिजल्ट अब दिखना शुरु होगा. इसलिए अगली दिवाली तक निवेशकों को अच्छे रिटर्न मिलेंगे. 

पूरी दुनिया में अभी अनिश्चितता का मौहाल है. इसलिए दुनिया में स्लोडाउन का भारत को फायदा उठाना चाहिए. कई कंपनियां चीन से भारत की तरफ रुख कर सकती हैं. इंफ्रा, पावर और रियल एस्टेट पर ध्यान देने की जरूरत है. टूरिज्म सेक्टर को भी बढ़ावा देना होगा.

कैसे रहेगा बाजार का मूड

बाजार में हालात खराब हुए तो ग्लोबल वजहें होंगी. मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ने से क्रूड में तनाव हो सकता है. फाइनेंशियल सेक्टर में दिक्कतें ही सबसे बड़ी चुनौती है. निवेशकों का भरोसा टूटने का खराब असर होता है. फाइनेंस सेक्टर इकोनॉमी के 'लाइफ ब्लड' की तरह होता है. 5 साल पहले सरकारी बैंकों में ज्यादा दिक्कतें थी, अब स्थिति बेहतर है. लेकिन अब अब NBFCs, निजी बैंकों में भी दिक्कतें सामने आई है. इसलिए सरकार को फाइनेंस सेक्टर में बड़े फैसले लेने चाहिए.

 

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