2021 से म्यूचुअल फंड (Mutual fund) से जुड़े कई नए नियम लागू होंगे. सेबी (Sebi) ने इससे जुड़ा एक नया सर्कुलर जारी किया है. अहम यह है कि निवेशकों के पैसे की रकम जिस दिन म्यूचुअल फंड्स के खाते में आएगी, उसी दिन का NAV लागू होगा. अभी नियम ये है कि 2 लाख रुपए तक के निवेश पर जिस दिन निवेशक ऑर्डर देते हैं, उस दिन का NAV लागू होता है. जबकि निवेशक के खाते से रकम निकलने और म्यूचुअल फंड तक पहुंचने के साथ निवेश के लिए मौका मिलने में कई बार अंतर होता है.   

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सेबी ने इसके अलावा कई और नियमों से जुड़ा सर्कुलर भी जारी किया है. जैसे कि फंड मैनेजमेंट की निगरानी बढ़ाने के लिए कहा है. खासकर सौदे डालने, फंड मैनेजमेंट, रिस्क मैनेजमेंट और रिस्क मैनेजमेंट जैसी टीमों की निगरानी बढ़ाने का निर्देश है. हर म्यूचुअल फंड को बाकायदा ऐसे नियम बनाने होंगे जिसमें सभी की भूमिका और जिम्मेदारी तय हो.  

सेबी ने यह भी कहा है कि म्यूचुअल फंड की स्कीम के आधार पर निवेशकों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाए. इक्विटी से जुड़े सौदों के लिए ऑटोमेटेड ऑर्डर मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने को कहा है. इसमें हर स्कीम के फंड मैनेजर अपनी अपनी स्कीम के हिसाब से सौदे डालें. अगर कोई एक फंड मैनेजर एक से ज्यादा स्कीम मैनेज कर रहा है तो हर स्कीम के हिसाब से अलग-अलग सौदे डाले जाएंगे. ऑर्डर मैनेजमेंट सिस्टम ऐसा होना चाहिए कि जिससे सभी नियमों का पालन हो सके. अगर कोई सौदा नियमों के ऊपर जाए तो खुद-ब-खुद सौदा रिजेक्ट हो जाए.   

म्यूचुअल फंड के डीलिंग रूम से किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए भी सर्कुलर में निर्देश हैं. जैसे कि डीलिंग डेस्क में पर्याप्त स्टाफ हो, साथ ही वहां होने वाली सारी बातचीत रिकॉर्डेड लाइन से हो. डीलिंग रूम में मोबाइल फोन या अन्य कम्युनिकेशन लाइन नहीं होनी चाहिए. बल्कि सारी बातचीत केवल रिकॉर्डेड टेलीफोन लाइन से ही करनी होगी. डीलिंग रूम में बस सौदे डालने लिए ही इंटरनेट की व्यवस्था होगी और किसी काम के लिए इंटरनेट सुविधा नहीं होगी.

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