Demat Account: सरकार ने प्राइवेट कंपनियों को अगले साल सितंबर तक अपनी सिक्योरिटीज को डीमैट (Demat) में बदलने का निर्देश दिया है. इस कदम का पारदर्शिता बढ़ाने में व्यापक असर पड़ने की उम्मीद है. यह निर्देश छोटी कंपनियों और सरकारी कंपनियों को छोड़कर प्राइवेट कंपनियों पर लागू होगा. मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (MCA) के पास करीब 14 लाख प्राइवेट कंपनियां रजिस्टर्ड हैं.

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मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन में कहा है कि प्राइवेट कंपनियां सिर्फ डीमैट (Demat) रूप में ही सिक्योरिटीज जारी कर सकती हैं और उन्हें सभी सिक्योरिटीज को सितंबर, 2024 तक डीमैट में बदल लेना चाहिए. सिक्योरिटीज को डीमैट करने का मतलब यह है कि फिजिकल रूप में मौजूद सिक्योरिटीज को डिजिटल रूप में बदला जाएगा.

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इस निर्देश को लागू करने के लिए कंपनी (विवरणिका एवं प्रतिभूति आवंटन) दूसरा संशोधन नियम, 2023 में बदलाव किए गए हैं. मंत्रालय की तरफ से 27 अक्टूबर को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, 31 मार्च, 2023 या उसके बाद समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के अंतिम दिन जो प्राइवेट कंपनी वित्तीय विवरणों के अनुरूप एक छोटी कंपनी नहीं है, उसे वित्त वर्ष समाप्त होने के 18 महीने के भीतर इस नियम के प्रावधानों का अनुपालन करना है.

लॉ फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास में साझेदार आनंद जयचंद्रन ने कहा कि इस बदलाव का दूरगामी और व्यापक असर पड़ेगा. उन्होंने कहा, कई प्राइवेट कंपनियों में शेयर ट्रांसफर कॉन्ट्रैक्ट या अन्य पाबंदियों के अधीन हैं. ऐसे में यह अहम है कि डिपॉजिटरी भागीदार इस नियामकीय बदलाव का पालन करें और संविदात्मक प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए व्यवस्था को सुनिश्चित करें. 

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संदिग्ध गतिविधियों पर लगेगी लगाम

इस कदम से पारदर्शिता बढ़ने और फिजिकल रूप में शेयरों के साथ संभावित संदिग्ध गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलने की भी उम्मीद है. कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत, प्राइवेट कंपनियों पर शेयरों के ट्रांसफर को लेकर बंदिश है और इसके सदस्यों की संख्या 200 से अधिक नहीं हो सकती है. निर्धारित मानकों के अनुरूप एक छोटी कंपनी की पेडअप शेयर कैपिटल 4 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होती है और कुछ शर्तों के अधीन उसका कारोबार 40 करोड़ रुपये तक होता है.

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सितंबर, 2024 के बाद प्राइवेट कंपनियों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी सिक्योरिटीज को जारी करने, सिक्टोरिटीज की पुनर्खरीद, बोनस शेयर जारी करने या राइट्स इश्यू के अलावा प्रोमोटर्स, डायरेक्टर्स और प्रमुख डायरेक्टर्स के पास रखी गई सिक्योरिटीज को डीमैट में बदला जाए.

इसके साथ ही मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स ने लिमिटेड लीज पार्टनरशिप (LLP) से संबंधित नियमों को भी संशोधित किया है. एक अन्य नोटिफिकेशन में मंत्रालय ने कहा कि प्रत्येक एलएलपी फर्म को अपने भागीदारों का रजिस्टर एक निर्दिष्ट स्वरूप में रखना चाहिए.