Gold-Silver Prices: सेफ हैवन कहे जाने वाले एसेट क्लास सोने में अक्टूबर महीने में रिकवरी देखने को मिली है. सितंबर के अंत तक सोना 46 हजार प्रति 10 ग्राम के नीचे चला गया था, जो अभी MCX पर 47900 रुपये प्रति 10 ग्राम के आस पास ट्रेड कर रहा है. क्रूड की बढ़ रही कीमतों, महंगाई, फिजिकल डिमांड, पावर क्राइसिस से सप्लाई कंसर्न और इक्विटी मार्केट के हाई वैल्युएशन से सोने की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है. एक्सपर्ट का कहना है कि मौजूदा समय में ऐसे कई फैक्टर हैं, जो सोने को सपोर्ट दे रहे हैं. ऐसे में दिवाली के पहले अभी सोने में पैसे लगाने का सही समय है. इनमें कुछ गिरावट आए तो शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म के लिए एंट्री ली जा सकती है.

सोने में रिकवरी की बड़ी वजह

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इंटरनेशनल लेवल पर क्रूड की कीमतों में तेजी बनी हुई है. ब्रेंट क्रूड लगातार 83 डॉलर प्रति बैरल के आस पास ट्रेड कर रहा है. एजेंसियां मान रही हैं कि आने वाले दिनों में क्रूड 90 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है. क्रूड की कीमतों के बढ़ने से महंगाई बढ़ रही है, जिससे सोने और चांदी की कीमतों में रिकवरी आई है. वहीं ग्लोबल इक्विटी की बात करें तो बाजारों का वैल्युएशन हाई है. आगे इसमें करेषन की आशंका जताई जा रही है. अलग अलग देशों के डाटा संकेत दे रहे हैं कि गोल्ड की फिजिकल डिमांड बढ़ी है. चांदी में इंडस्ट्रियल डिमांड बढ़ रही है. वहीं चीन में पावर क्राइसिस के चलते सप्लाई को लेकर भी चिंता बनी है. ये सारे फैक्टर गोल्ड और सिल्वर के लिए पॉजिटिव हैं.

IIFL सिक्योरिटीज के VP (रिसर्च), अनुज गुप्ता

IIFL सिक्योरिटीज के VP (रिसर्च) अनुज गुप्ता का कहना है कि टेक्निकली देखें तो शॉर्ट टर्म के लिए सोने को इंटरनेशनल मार्केट में 1720 डॉलर प्रति औंस पर सपोर्ट है तो 1850 डॉलर प्रति औंस रेजिस्टेंस बना है. घरेलू स्तर पर सोने को नीचे की ओर 47300 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर सपोर्ट है, जबकि 49000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रेजिस्टेंस है. घरेलू मार्केट में निवेशकों को सोने में 47500 रुपये के भाव पर 49000 रुपये से 49500 रुपये का टारगेट बनाकर एंट्री करनी चाहिए. जबकि 46800 रुपये पर स्टॉप लॉस लगाएं.

वहीं इंटरनेशनल मार्केट में 1750 डॉलर से 1760 डॉलर के भाव पर 1850 डॉलर से 1900 डालर का टारगेट बनाकर एंट्री करनी चाहिए. जबकि 1720 डॉलर पर स्टॉप लॉस लगाएं.

केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर, अजय केडिया

केडिया का कहना है कि सोने की फिजिकल डिमांड बढ़ी है. घरेलू स्तर पर आगे फेस्टिव डिमांड से भी सोने की कीमतों पर असर पड़ेगा. आईएमएफ ने ग्लोबल इकोनॉमी को लेकर दबाव रहने की आशंका जताई है. मौजूदा समय में महंगाई, क्रूड की बढ़ रही कीमतों, डॉलर इंडेक्स, पावर क्राइसिस के चलते सप्लाई कंसर्न सोने के लिए पॉजिटि सेंटीमेंट हैं. दुनियाभर के बाजारों का वैल्युएशन भी निवेशकों को डरा रहा है. ऐसे में शॉर्ट टर्म में सोने में अच्छी तेजी दिख रही है. उनका कहना है कि निवेशकों को दिवाली तक की बात करें तो 47500 रुपये से 47000 रुपये के भाव पर खरीदारी करनी चाहिए. जबकि सोने के लिए दिवाली तक पहला टारगेट 49500 रुपये और इससे अगला टारगेट 50000 रुपये प्रति 10 ग्राम का रखें. वहीं चांदी में 61000 रुपये के भाव पर एंट्री करें और 66000 रुपये का टारगेट रखें.