Franklin Templeton case: म्‍यूचुअल फंड इन्‍वेस्‍टमेंट कंपनी फ्रैंकलिन टेम्पलटन को सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) से अंतरिम राहत मिली है. ट्रिब्‍यूनल ने 28 जून को फ्रैंकलिन टेम्पलटन की नई डेट स्कीम लॉन्च रोकने के सेबी के फैसले पर स्टे लगाया है. इसके अलावा, SAT ने 512 करोड़ रु की रिकवरी पर भी आंशिक राहत दी. ट्रिब्‍यूनल ने 250 करोड़ रुपये की रकम 3 हफ्ते में जमा कराने का आदेश दिया है. इससे पहले, मार्केट रेग्‍युलेटर सेबी ने फ्रैंकलिन टेम्पलटन पर सख्‍त रुख अपनाते हुए 2 साल साल तक नई डेट फंड स्‍कीम लॉन्‍च करने पर रोक लगा दी थी. 

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सेबी के खिलाफ फ्रैंकलिन टेम्पलटन की याचिका पर SAT ने सोमवार को अंतरिम आदेश दिया. इसमें ट्रिब्‍यूनल ने कंपनी ने नई डेट फंड स्‍कीम लॉन्‍च करने पर रोक के सेबी के फैसले पर स्‍टे लगा दिया.  ट्रिब्‍यूनल ने कहा है कि अंतिम फैसला आने तक यह निर्देश मान्‍य रहेंगे. इस मामले अब अगली सुनवाई 30 अगस्‍त को होगी. 

दरअसल, सेबी ने फ्रैंकलिन टेंपल्टन पर 2 साल तक नई डेट स्कीम लॉन्च करने पर रोक लगाने के साथ 5 करोड़ रु का जुर्माना भी  लगाया है. इसके साथ ही कंपनी की बंद  6 स्कीमों में इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट फीस वापस करने का भी निर्देश दिया. सेबी ने कहा कि कि 4 जून 2018 से 23 अप्रैल 2020 तक 12 फीसदी ब्याज के साथ फीस लौटानी होगी.

इसके अलावा, सेबी ने फ्रैंकलिन टेंपल्‍टन के हेड, एपीएसी डिस्‍ट्रीब्‍यूशन विवेक कुड़वा और उनकी पत्‍नी रुपा कुड़वा के मार्केट में कारोबार करने पर एक साल की पाबंदी के साथ दोनों ही लोगों के मौजूदा म्‍यूचुअल फंड यूनिट्स की बिक्री पर भी रोक लगा दी. इसके अलावा, सेबी ने विवेक कुड़वा पर 4 करोड़ रु और रूपा कुड़वा पर 3 करोड़ रु की पेनल्‍टी भी लगाई है.

अप्रैल 2020 में बंद हुई थी स्कीम

पिछले साल अप्रैल में फ्रैंकलिन टेम्‍पल्टन ने अचानक 6 स्‍कीम्‍स को बंद कर दिया था. फ्रैंकलिन टेंपल्टन ने बांड बाजार में पैसों की कमी की वजह से इस स्कीम को बंद किया था. यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया था. फ्रैंकलिन टेंपल्टन ने जिन स्कीम को बंद किया था उसमें अल्ट्रा शॉर्ट बांड फंड, इंडिया लोन ड्यूरेशन फंड, इंडिया डायनॉमिक अक्रूअल फंड, इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड और इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान था. इन 6 बंद स्कीम का कुल AUM 28 हजार करोड़ रुपए था. कंपनी ने जब बंद किया था, तब काफी सारे निवेशकों ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट सहित अन्य कोर्ट में याचिका दायर की थी. 

 

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