विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जनवरी में घरेलू पूंजी बाजार से 5,300 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की. यह आम चुनाव से पहले उनके ‘इंतजार करो और देखो’ की अवधारणा को दिखाता है. इससे पहले नवंबर और दिसंबर 2018 में उन्होंने शेयर एवं ऋण बाजार में 17,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया था.

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अक्‍टूबर में निकाले थे 38,900 करोड़ रुपये

हालांकि अक्टूबर 2018 में उन्होंने 38,900 करोड़ रुपये की निकासी की थी. डिपॉजिटरीज के आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने जनवरी में शेयर बाजारों से 5,264 करोड़ रुपये और ऋण बाजार से 97 करोड़ रुपये की निकासी की. इस प्रकार उन्होंने पूंजी बाजार से कुल 5,361 करोड़ रुपये की निकासी की.

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेस लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि निवेशक आगामी लोकसभा चुनाव और वैश्विक संकेतों पर अपना ध्यान लगाए हुए हैं. इसी के चलते निवेश को लेकर उनका रुख सावधानी भरा है.

FPI अपना रहे हैं इंतजार करो और देखो की रणनीति

मॉर्निंगस्टार इंवेस्टमेंट एडवाइजर इंडिया के वरिष्ठ विश्लेषक प्रबंधक (शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि एफपीआई निवेश के लिहाज से यह साल की अच्छी शुरुआत नहीं है. यह साफ दिखाता है कि निवेशक भारत के प्रति ‘इंतजार करो और देखो’ की रणनीति अपनाए हुए हैं जिसे वह लंबे समय से बनाए हुए हैं.