जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार का कहना है कि एफपीआई गतिविधि में जो एक महत्वपूर्ण ट्रेंड देखा गया है वो एफएमसीजी सेगमेंट में बड़ी बिकवाली और टेलीकॉम और रियल्टी सेक्टर में बड़ी खरीददारी है. इस साल अमेरिकी बॉन्ड यील्ड काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. साल की शुरुआत यील्ड में गिरावट से हुई क्योंकि बाजार को 6 रेट कट की उम्मीद थी. उन्होंने कहा, लेकिन ये जब नहीं हुआ तो बाजार ने 3 रेट कट पर विचार करना शुरू किया क्योंकि अमेरिकी लेबर मार्केट लगातार तंग बना हुआ है.

फेडरल रिजर्व की तरफ से 2 इंटरेस्ट कट की उम्मीद

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अब कई विशेषज्ञ सोचते हैं कि केवल दो बार ही दरों में कटौती हो सकती है और इन्हें 2024 में वापस ले लिया जाएगा. नतीजतन, अमेरिका की 10 वर्षीय यील्ड 4.4 फीसदी तक बढ़ गई. उन्होंने कहा, इससे निकट भविष्य में भारत में एफपीआई निवेश पर असर पड़ेगा.  उन्होंने कहा, हालांकि, उच्च अमेरिकी बॉन्ड यील्ड के बावजूद एफपीआई की बिक्री सीमित रहेगी क्योंकि भारतीय शेयर बाजार में तेजी है और यह लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है.

DII ने लगातार आठवें महीने निवेश किया

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने कहा कि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने मार्च 2024 में लगातार आठवें महीने 0.8 बिलियन डॉलर का निवेश किया, जो अप्रैल 2020 के बाद सबसे अधिक है. FII ने भी मार्च 2024 में 4 अरब डॉलर का मजबूत निवेश किया.