भारत सरकार के बॉन्ड को जेपी मॉर्गन सूचकांक में शामिल करने के फैसले की वजह से देश के ऋण या बॉन्ड बाजार को लेकर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का रुझान मजबूत बना हुआ है. अप्राल 2023 से ही बॉन्ड बाजार में लगातार पॉजिटिव इन्फ्लो है. हालांकि, नवंबर महीने से यह तेजी से बढ़ रहा है. फरवरी महीने में एफपीआई ने बॉन्ड बाजार में अब तक 18589 करोड़ रुपया डाला है. जनवरी में कुल 19837 करोड़ रुपए, दिसंबर में 18302     करोड़ रुपए और नवंबर में 14860 करोड़ का इन्फ्लो आया था.

क्या फरवरी में टूटेगा जनवरी में बना रिकॉर्ड?

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जनवरी महीने का आंकड़ा बीते 6 सालों का उच्चतम स्तर रहा था. इससे पहले जून 2017 में FPI ने बॉन्ड मार्केट में कुल 25685 करोड़ का निवेश किया था. उसके बाद जनवरी उच्चतम स्तर है. फरवरी में अभी भी 4 कारोबारी सत्र बाकी है. संभव है कि यह रिकॉर्ड टूट जाए. फिडेलफोलियो के संस्थापक एवं स्मॉलकेस प्रबंधक किस्लय उपाध्याय ने कहा, ‘‘‘इस वर्ष वैश्विक बॉन्ड सूचकांकों में भारत के प्रवेश के साथ आगे चलकर भारतीय ऋण बाजार में प्रवाह स्थिर रहेगा. इसके अलावा इस वर्ष जून में जेपी मॉर्गन सूचकांक में भारत सरकार के बॉन्ड के शामिल होने से पहले भी गतिविधियों में तेजी देखने को मिल सकती हैं.’’

जनवरी में शेयर से FPI ने 25744 करोड़ की निकासी की थी

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस महीने अबतक एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 424 करोड़ रुपए निकाले हैं. इससे पहले जनवरी में उन्होंने शेयरों से 25,743 करोड़ रुपए की भारी निकासी की थी. आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने इस महीने (23 फरवरी तक) ऋण बाजार में 18,589 करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश किया है. इसके साथ, 2024 में एफपीआई का बॉन्ड बाजार में कुल निवेश 38,426 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है. वे पिछले कुछ महीनों से बॉन्ड बाजार में पैसा लगा रहे हैं. एफपीआई ने दिसंबर में बॉन्ड बाजार में 18,302 करोड़ रुपए, नवंबर में 14,860 करोड़ रुपए और अक्टूबर में 6,381 करोड़ रुपए का निवेश किया था.

फरवरी में FPI ने शेयर बाजार से अब तक 424 करोड़ निकाले

फरवरी में एफपीआई ने शेयरों से 424 करोड़ रुपए की निकासी की है. यह आंकड़ा जनवरी में हुई 25,744 करोड़ रुपए की निकासी की तुलना में काफी कम है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘अमेरिका में बॉन्ड पर आकर्षक प्रतिफल के बावजूद घरेलू बाजारों की मजबूती की वजह से एफपीआई आक्रामक बिकवाली नहीं कर रहे हैं.’’ कुल मिलाकर, 2023 के लिए शेयरों में एफपीआई प्रवाह 1.71 लाख करोड़ रुपए और ऋण बाजार में 68,663 करोड़ रुपए रहा था. इस तरह पिछले साल पूंजी बाजार में उनका कुल निवेश 2.4 लाख करोड़ रुपए रहा था.