FPI in August: इस सप्ताह सेंसेक्स 58833 अंकों पर और निफ्टी 17558 के स्तर पर बंद हुआ. साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में 813 अंकों की और निफ्टी में 200 अंकों की गिरावट दर्ज की गई. इस गिरावट के बीच अच्छी खबर ये है कि विदेशी निवेशकों (Foreign Investors) की भारतीय बाजार में वापसी हो चुकी है. फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने अगस्त के महीने में अब तक भारतीय बाजार में 55 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश किया है. यही वजह है कि अगस्त के महीने में सेंसेक्स में 1263 अंकों की और निफ्टी में 400 अंकों की तेजी आई है. अगस्त के महीने में अभी तीन कारोबारी सत्र बाकी है.

शेयर बाजार में 49254 करोड़ रुपए का निवेश

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लगातार नौ महीने तक बिकवाली करने के बाद फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स ने जुलाई के महीने में भारतीय बाजार में वापसी की थी. FPI ने जुलाई के महीने में शेयर बाजार में 4989 रुपए का निवेश किया था. अगस्त के महीने में अब तक शेयर बाजार में 49254 करोड़ रुपए का निवेश किया है. 4370 करोड़ रुपए बॉन्ड बाजार में निवेश किया गया है. कुल मिलाकर 55031 करोड़ का निवेश किया गया है.

जुलाई में 5000 करोड़ की खरीदारी

कंपनियों के तिमाही नतीजे बेहतर रहने तथा वृहद बुनियाद मजबूत होने के बीच विदेशी निवेशकों ने अगस्त में शुद्ध रूप से 49,254 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे हैं. डिपॉजिटरी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. यह जुलाई में एफपीआई द्वारा किए गए 5,000 करोड़ रुपए के निवेश से कहीं ऊंचा आंकड़ा है.

9 महीने में निकाले 2.46 लाख करोड़

लगातार नौ माह तक बिकवाल रहने के बाद जुलाई में एफपीआई पहली बार शुद्ध लिवाल बने थे. उनकी बिकवाली का सिलसिला पिछले साल अक्टूबर से शुरू होकर इस साल जून तक चला. इस दौरान उन्होंने 2.46 लाख करोड़ रुपए के शेयर बेचे.

कमोडिटी की कीमत का दिखेगा असर

वित्तीय प्रौद्योगिकी मंच गोलटेलर के संस्थापक सदस्य विवेक बंका ने कहा कि आगामी महीनों में एफपीआई का रुझान काफी हद तक जिंस कीमतों, भू-राजनीतिक घटनाक्रमों, कंपनियों के तिमाही नतीजों और फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों पर रुख से तय होगा.

शॉर्ट टर्म में एफपीआई इन्फ्लो पर दिख सकता है असर

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकर वी के विजयकुमार ने कहा कि फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल ने जैक्सन होल में अत्यधिक आक्रामक रुख का संकेत दिया है. इससे लघु अवधि में भारतीय बाजारों में एफपीआई का प्रवाह प्रभावित हो सकता है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने एक से 26 अगस्त के दौरान भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 49,254 करोड़ रुपए डाले हैं. यह चालू साल में उनके द्वारा किया गया सबसे ऊंचा निवेश है. ‘धन’ के संस्थापक जय प्रकाश गुप्ता ने कहा कि वैश्विक स्तर पर मंदी की आशंका तथा कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के बावजूद कंपनियों के तिमाही नतीजे बेहतर रहे हैं. यह एक मुख्य वजह है कि एफपीआई ने भारतीय बाजार में जमकर लिवाली की है.

तिमाही नतीजे की बदौलत एफपीआई की वापसी

कोटक सिक्योरिटीज के प्रमुख इक्विटी शोध (खुदरा) श्रीकांत चौहान का भी मानना है कि कंपनियों के तिमाही नतीजे बेहतर रहने की वजह से एफपीआई का भारतीय बाजारों में प्रवाह बढ़ा है. मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि महंगाई अब भी ऊंचे स्तर पर है लेकिन हाल के समय में इसमें वृद्धि उम्मीद से कम रही है, जिसके चलते धारणा सुधरी है. ऐसे में यह संभावना बनी है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक कम आक्रामक रुख अख्तियार करेगा. यह एक प्रमुख वजह है कि एफपीआई की भारतीय बाजारों में लिवाली बढ़ी है.

(भाषा इनपुट के साथ)