Edelweiss Financial Services NCD: कैपिटल मार्केट में हाई रिटर्न देने वाली किसी स्कीम की तलाश में हैं तो आपके पास बेहतरीन मौका है. Edelweiss Financial Services ने अपना नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) जारी किया है, जिसमें 27 दिसंबर तक निवेश किया ज सकता है. Edelweiss Financial Services नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर के जरिए 500 करोड़ रुपये जुटा सकती है. इस इश्यू का बेस साइज 200 करोड़ का है, जबकि 300 करोड़ का ओवरसब्सक्रिप्सन रिटेन करने का भी विकल्प है. इसमें 2 साल से 10 साल तक के लिए निवेश का विकल्प है, जिसमें 8.75 फीसदी से 9.7 फीसदी तक ब्याज मिल रहा है. 0.2 फीसदी एडिशनल इंसेंटिव का भी विकल्प है.

निवेश के विकल्प और ब्याज

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सिक्योर्ड रेडिमेबल NCD के तहत इसमें निवेश के अलग अलग 10 विकल्प हैं. इनकी मेच्योरिटी 24 महीने, 36 महीने, 60 महीने और 120 महीने यानी 2 साल से 10 साल के लिए निवेश के अलग अलग विकल्प हैं. इन मेच्योरिटी अवधि पर 8.75 फीसदी से 9.70 फीसदी तक सालाना ब्याज मिल रहा है. 0.2 फीसदी का अतिरिक्त इंसेंटिव का भी विकल्प है. यह फिक्स्ड डिपॉजिट या रिकरिंग डिपॉजिट की तुलना में 4 फीसदी तक ज्यादा है.

NCD का साइज

Edelweiss Financial Services की NCD का बेस साइज 200 करोड़ रुपये का है. वहीं इसमें ग्रीनशू आप्सन के जरिए कंपनी 300 करोड़ रुपये और जुटा सकती है. यानी NCD के जरिए कुल 500 करोड़ रुपये तक जुटाने का विकल्प है. कंपनी सिक्योड्र रीडेमेबल NCD के जरिए ये पैसे जुटाएगी.

कितना करना होगा निवेश

एक NCD का इश्यू प्राइस 1000 रुपये है. निवेशकों को कम से कम 10 NCD के लिए पैसे लगाने होंगे. यानी कम से कम 10,000 रुपये निवेश करने होंगे. इसके बाद 1 के मल्टीपल में पैसे लगा सकते हैं. इसकी लिस्टिंग बीएसई पर होगी.

रेटिंग

Edelweiss Financial Services की NCD को CRISIL से AA-/Negative रेटिंग मिली है. वहीं ACUITE से इस इश्यू को AA/Negative की रेटिंग मिली है. कंपनी की रेटिंग ज्यादा अच्छी नहीं है. NCD को पूरी तह से सुरक्षित नहीं कहा जा सकता है. Equirus Capital Private Limited लीड मैनेजर है. यह NCD निवेशकों को लिक्विडिटी प्रोवाइड कराने के लिए BSE पर लिस्ट होगी. 

क्‍या होता है NCD  

नॉन-कन्‍वर्टिबल डिबेंचर यानी एनसीडी फाइनेंशियल इंस्‍ट्रूमेंट होते हैं. इन्‍हें कंपनी जारी करती है. इनके जरिये वह निवेशकों से पैसा जुटाती है. इसके लिए पब्लिक इश्‍यू लाया जाता है. इनमें निवेश करने वालों को एक तय दर से ब्‍याज मिलता है. एनसीडी की अवधि फिक्‍स होती है. इनकी मैच्‍योरिटी पर निवेशकों को ब्‍याज के साथ अपनी मूल रकम मिलती है. ये बैंक एफडी की तरह डेट इंस्‍ट्रूमेंट होते हैं.