लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी की शानदार जीत हुई है. मोदी सरकार दोबारा कार्यकाल संभालेगी. इससे पहले 'जी बिजनेस' के खास कार्यक्रम 'देश में नई सरकार से क्‍या उम्‍मीदें हैं?' में मोतीलाल ओसवाल के को-फाउंडर रामदेव अग्रवाल ने अपनी राय रखी.

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देश का डाउन साइज रिस्‍क खत्‍म होने के सवाल पर मोतीलाल ओसवाल के को-फाउंडर रामदेव अग्रवाल ने बताया कि बीते 10 साल में शेयर बाजार में आमदनी बहुत ज्‍यादा नहीं बढ़ी है. निवेशकों को केवल 10 प्रतिशत के आसपास मुनाफा हुआ है. यह कमाई अर्निंग ने नहीं आई है. करीब 60 से 70 प्रतिशत तक कमाई री-रेटिंग से आई है.

शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार में फिर जबरदस्त तेजी का माहौल रहा. सेंसेक्स 623.33 अंक चढ़कर 39,434.72 अंक जबकि निफ्टी 187.05 अंक के लाभ से 11,844.10 अंक पर बंद हुए. 

वहीं 23 मई को काउंटिंग के दिन सेंसेक्स रिकॉर्ड 40,124.96 की ऊंचाई से करीब 1,314 अंक लुढ़ककर 39,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ था. निफ्टी भी 12,041.15 के रिकॉर्ड ऊंचाई से फिसलकर 11,657.05 पर बंद हुआ था.

अग्रवाल का कहना है कि इस जीत का बाजार के लिए बेहद खास मायने हैं. इसका बाजार और अर्थवयवस्था दोनों पर असर देखने को मिलेगा. अग्रवाल कहते हैं कि मुझे ये लगता था कि इस सरकार को 282 से ज्यादा सीटें आने चाहिए. यह पूरी तरह से मोदी के साथ लोगों की सहमति थी, इसके सामने कुछ नहीं था.

अग्रवाल कहते हैं कि लोगों के पास एक ऐसा माहौल था कि आप या तो मोदी को स्वीकार करो या रिजेक्ट करो. उनका कहना है कि वर्ष 2014 में ऐसा नहीं था. तब आप कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर रह थे और इनको ला रहे थे. मोदी की आर्थिक नीतियां, काम करने का तरीका, पर्सनालिटी आदि सब को लेकर लोगों में एक तरह से सहमति थी.