L&T Finance Holdings share BUY call: दिवाली के फेस्टिव सीजन से पहले 100 रुपये से सस्‍ते शेयर में निवेश कर अच्‍छा रिटर्न कमाने का मौका है. बीते एक साल में शेयर बाजार की तेजी के बीच कई कंपनियों ने निवेशकों को जबरदस्‍त रिटर्न दिया है. कई ऐसी कंपनियां हैं, जिनके शेयर प्राइस 100 रुपये से भी कम हैं, लेकिन उनका एक साल का रिटर्न अच्‍छा रहा है. अगर आप ऐसे ही किसी शेयर की तलाश में हैं, तो L&T फाइनेंस होल्डिंग्‍स लिमिटेड (L&T Finance Holdings Ltd) के शेयर पर दांव लगा सकते हैं. इस शेयर का भाव अभी 82 रुपये के आसपास है. ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल (Motilal oswal) ने इसमें 110 रुपये के टारगेट के साथ खरीदारी (L&T Finance Holdings BUY) की सलाह दी है. 

करंट प्राइस से 33% रिटर्न 

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L&T फाइनेंस होल्डिंग्‍स में ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल (Motilal oswal) ने 110 रुपये के टारगेट के साथ खरीदारी की सलाह दी है. 25 अक्‍टूबर 2021 को शेयर का भाव 82 रुपये के आसपास ट्रेड कर रहा. करंट प्राइस से लिहाज से प्रति शेयर 28 रुपये या करीब 33 फीसदी रिटर्न मिल सकता है. बीते एक साल में यह शेयर 35 फीसदी का रिटर्न दे चुका है. 

क्‍या कहती है ब्रोकरेज रिपोर्ट

ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी का लोन बुक कंसॉलिडेशन की स्थिति में है. वहीं, अधिक प्रोविजनिंग के बावजूद कंपनी का शुद्ध मुनाफा उम्‍मीद के मुताबिक है. रुरल बिजनेस से कंपनी को तगड़ा बूस्‍ट मिल रहा है. इंफ्रा डिस्‍बर्समेंट और रिटेल हाउसिंग के रफ्तार पकड़ने से कंपनी के एसेट लोन बुक को सपोर्ट मिलने की उम्‍मीद है. रियल एस्‍टेट सेक्‍टर में रिकवरी को देखते हुए कंपनी का एक्‍सपोजन बढ़ने की उम्‍मीद है.

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L&T फाइनेंस होल्डिंग्‍स: फाइनेंशियल परफॉर्मेंस

30 सितंबर 2021 को समाप्‍त पहली तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट घटा है लेकिन लोन कलेक्‍शन और डिस्‍बर्समेंट में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. सितंबर तिमाही में कंपनी को 223 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में कंपनी का मुनाफा 248 करोड़ रुपये था. मुनाफा घटने की अहम वजह इंटरेस्‍ट से कंपनी की इनकम में करीब 12 फीसदी की गिरावट रही.

हालांकि, सितंबर 2021 तिमाही में जून तिमाही के मुकाबले रुरल फाइनेंस से कंपनी के डिस्‍बर्समेट में 21 फीसदी की जोरदार उछाल देखने को मिली है. चालू वित्‍त वर्ष की दूसरी तिमाही में रुरल फाइनेंस डिस्‍बर्समेंट 4,987 करोड़ रुपये रहा, जो कि अब तक रिकॉर्ड है. वहीं जून में डिस्‍बर्समेंट 7,339 करोड़ रुपये था. फॉर्म इक्विपमेंट, टू-व्‍हीलर लोन और माइक्रोफाइनेंस के लिए लोन की डिमांड ज्‍यादा रही.