अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की आपूर्ति घटने की आशंकाओं के बीच फिर कीमतों में तेजी का रुख बना हुआ है. कच्चे तेल के दाम में बुधवार को लगातार चौथे दिन वृद्धि का सिलसिला जारी रहा. प्रमुख तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक द्वारा आपूर्ति में कटौती करने से इस साल कच्चे तेल के दाम में जोरदार उछाला आया है. वर्ष 2019 में अब तक ब्रेंट क्रूड करीब 33 फीसदी महंगा हो गया है. ब्रेंट क्रूड का भाव बुधवार को 70 डॉलर प्रति बैरल के करीब चला गया.

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क्रूड ऑयल के दाम बढ़ने का असर भारत में पेट्रोलियम ईंधन पर पड़ रहा है. यहां पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. 

ओपेक और रूस द्वारा कच्चे तेल के दाम को सहारा प्रदान करने के मकसद से उत्पादन में कटौती करने का फैसला लागू होने के बाद से ही कच्चे तेल में तेजी का सिलसिला जारी है. हालांकि बीच में वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती रहने के अनुमानों और अमेरिका में तेल के भंडार में वृद्धि के आंकड़ों से कीमतों में तेजी पर बीच में ब्रेक जरूर लगा, लेकिन हर महीने तेल के दाम में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 

दो जनवरी, 2019 को ब्रेंट क्रूड का भाव 52.51 डॉलर प्रति बैरल था, जो इस साल का अब तक का निचला स्तर है. जनवरी के आखिर में भाव 61.89 डॉलर प्रति बैरल हो गया. इस तरह जनवरी में ब्रेंट क्रूड के भाव में 15 फीसदी का इजाफा हुआ. मासिक आधार पर देखें तो फरवरी में ब्रेंट क्रूड के भाव में 6.69 फीसदी और मार्च में 3.57 फीसदी की वृद्धि हुई है. अप्रैल में अब तक ब्रेंट क्रूड में 1.93 फीसदी की तेजी दर्ज की गई, जबकि दो जनवरी के भाव के मुकाबले 33 फीसदी की तेजी आई है.

वहीं, अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई के भाव में इस साल अब तक 41 फीसदी का उछाला आया है. साल की शुरुआत में जनवरी में डब्ल्यूटीआई 44.35 डॉलर प्रति बैरल था, जोकि इस साल का अब तक सबसे निचला स्तर है, जबकि बुधवार को भाव साल के सबसे उपरी स्तर पर 62.89 डॉलर प्रति बैरल हो गया. डब्ल्यूटीआई के दाम में जनवरी में 18.45 फीसदी, फरवरी में 6.38 फीसदी और मार्च में 5.10 फीसदी की तेजी रही. अप्रैल में अब तक डब्ल्यूटीआई में 4.41 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है.

कच्चे तेल के भाव को वेनेजुएला और ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध भी सपोर्ट मिल रहा है. वेनेजुएला और ईरान से तेल की आपूर्ति प्रभावित होने से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में और तेजी आ सकती है. 

भारत पर असर

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें इस साल के सबसे ऊंचे स्तर पर चली गई हैं जिसके बाद भारत में तेल का आयात महंगा हो सकता है. भारत तेल की अपनी जरूरतों का 80 फीसदी आयात करता है. ऐसे में पेट्रोल और डीजल के दाम में फिर बढ़ोतरी की पूरी संभावना है. भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा क्रूड ऑयल की खपत करने वाला देश है. भारत में अब भी क्रूड की खपत लगातार बढ़ रही है. देश में रोजाना करीब 35 लाख बैरल क्रूड ऑयल की खपत होती है.

इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम क्रमश: 72.86 रुपये, 74.88 रुपये, 78.43 रुपये और 75.62 रुपये प्रति लीटर रहे. चारों महानगरों में डीजल के दाम भी पूर्ववत क्रमश: 66.09 रुपये और 67.83 रुपये प्रति लीटर, 69.17 रुपये और 69.78 रुपये प्रति लीटर रहे.

घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर अप्रैल एक्सपायरी कच्चा तेल अनुबंध बुधवार को पूर्वाह्न 10.10 बजे आठ रुपये की तेजी के साथ, 4,329 रुपये प्रति बैरल पर बना हुआ था, इससे पहले भाव 4,333 रुपये प्रति बैरल तक पहुंचा.