देश की सबसे बड़ी कोयला कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड में बुधवार को सरकार की तीन प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की खुली पेशकश (OFS) शुरू हुई और कारोबार की समाप्ति से कुछ मिनट पहले तक संस्थागत निवेशकों की तरफ से उनके लिए पेश 1.06 गुणा शेयरों के लिये बोलियां प्राप्त हो चुकी थी. पेशकश के तहत शेयर के लिये 266 रुपये का आधार मूल्य रखा गया है.

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चालू वित्त वर्ष में यह सरकार की ओर से पहली बड़ी विनिवेश और बिक्री पेशकश है. इससे राष्ट्रीय खजाने को 5,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है. हालांकि, कोल इंडिया का शेयर बाजार में 266.95 रुपये प्रति शेयर पर आ गया है, जो बीएसई पर पिछले दिन बंद हुए भाव से 3.24 प्रतिशत कम है.

सरकार कोल इंडिया में 18.62 करोड़ शेयर या तीन प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री कर रही है. इसके लिए आधार मूल्य 266 रुपये प्रति शेयर रखा गया है. इसमें 14.89 करोड़ शेयर बुधवार को सांस्थानिक निवेशकों के लिए रखे गए हैं. सरकार ने अपने पास ओवर सब्‍सक्रिप्‍शन की स्थिति में अतिरिक्त छह प्रतिशत की बिक्री का विकल्प सुरक्षित रखा है.

कारोबार समाप्ति से कुछ मिनट पहले तक पेश किए गए कुल 14.89 करोड़ शेयरों के मुकाबले संस्थागत निवेशकों ने कुल 15.83 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगा दी थी. खुदरा निवेशकों के लिए पांच प्रतिशत अतिरिक्त छूट पर बिक्री बृहस्पतिवार को खुलेगी. ऐसे निवेशक दो लाख रुपये से अधिक के शेयर नहीं खरीद सकेंगे.

यदि सरकार अतिरिक्त छह प्रतिशत हिस्सेदारी या 37.24 करोड़ शेयरों की बिक्री करती है तो इससे राष्ट्रीय खजाने को अतिरिक्त 10,000 करोड़ रुपये मिलेंगे. इस प्रकार इस कुल 9 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री से सरकारी खजाने को 15,000 करोड़ प्राप्त होने की उम्मीद है. इससे पहले सरकार ने जनवरी 2015 में कोल इंडिया में 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी बिक्री की थी. तब इससे सरकार को करीब 23,000 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे.