Second Hand Car Market: दुनियाभर के बाजारों में सेमी कंडक्टर चिप की भारी कमी हो गई है, जिससे नई गाड़ियों के प्रोडक्शन पर असर पड़ रहा है. ग्लोबल स्तर पर चिप की शॉर्टेज ऑटो सेक्टर के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो रही है. कई प्रमुख कंपनियों ने कहा है कि इसके चलते उन्हें प्रोडक्शन घटाने को मजबूर होना पड़ रहा है. इससे जहां नई गाड़ियों के लिए वेटिंग पीरियड लंबा होता जा रहा है, वहीं सेकडं हैंड गाड़ियों की बाजार ने रफ्तार पकड़ ली है. इससे सेकंड हैंड कार ट्रेड बिजनेस वाली कंपनियों को जबरदस्त फायदा मिलने वाला है. बाजार में हाल ही में लिस्टेड कंपनी CarTrade Tech इसमें विनर साबित हो सकती है. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी के साथ बातचीत में एनालिस्ट आशीष चतुर्वेदी ने इस बारे में अपनी रिपोर्ट दी है.

CarTrade Tech साबित होगा विनर

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आशीष चतुर्वेदी का कहना है कि सेकंड हैंड कार मार्केट बिजनेस से जुड़ी और स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनी CarTrade Tech इन सबके बीच विनर साबित होगी. सेकंड हैंड कार मार्केट में जितनी तेजी आएगी, इस कंपनी को उतना ही फायदा मिलेगा. CarTrade प्‍लेटफॉर्म के जरिए कंस्‍टमर्स पुरानी या नई कार खरीद और बेच सकते हैं. कारट्रेड के पास एक मल्‍टीचैनल ऑटो प्‍लेटफॉर्म है, जिसमें सभी तरह की व्‍हीकल और वैल्‍यू एडेड सर्विसेस शामिल हैं.

इस प्‍लेटफॉर्म में CarWale, CarTrade, Shriram Automall, BikeWale, CarTrade Exchange, Adroit Auto और AutoBiz शामिल हैं. इनके जरिए हर महीने 2.7 करोड़ कंज्यूमर कंपनी के प्लेटफॉर्म पर विजिट करते हैं. CarTrade Tech का स्टॉक 20 अगस्त को बाजार में लिस्ट हुआ था. इश्यू प्राइस 1618 रुपये था और यह अभी 1480 रुपये के आस पास ट्रेड कर रहा है.

वेटिंग पीररियड लंबा हो रहा है

आशीष चतुर्वेदी का कहना है कि सेमी कंडक्टर की कमी से ऑटो सेक्टर पर बड़ा असर हो रहा है. प्रमुख कंपनियां अपना प्रोडक्शन घटा रही हैं. सेमी कंडक्टर का इस्तेमाल नई गाड़ियों में किया जाता है. उत्पादन घटने से डीलर या डिस्ट्रीब्यूटर के पास गाड़ियों की संख्या घटी है. ऐसे में जिसे नई गाड़ी खरीदनी है, उसके लिए वेटिंग पीरियड लगातार लंबा होता जा रहा है. कई गाड़ियों का वेटिंग पीरियड 4 से 6 महीने हो गया है.

सेकंड हैंड कार मार्केट ने पकड़ी रफ्तार

नई गाड़ियों का वेटिंग लंबा होने से सेकंड हैंड कार मार्केट में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है. आशीष का कहना है कि कोरोना काल में एक ट्रेंड जमकर चला है, वह है प्राइवेट व्हीकल का इस्तेमाल. लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जगह अपनी कार से चलना चाह रहे हैं. इसलिए कार की डिमांड बढ़ी है. दूसरी ओर मार्केट में नई कारों की कमी है. वहीं कार कंपनियां लगातार अपने प्राइस बढ़ा रही हैं. मारुति ने लगातार कारों के दाम बढ़ाए हैं. खर्च लागत बढ़ने से कार की कीमतें बढ़ी हैं. इसलिए लागे अब सेकंड हैंड कार माके्रट की ओर फोकस कर रहे हैं.