विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जनवरी में देश के ऋण या बॉन्ड बाजार में 19,800 करोड़ रुपए का निवेश किया है. यह बॉन्ड बाजार में FPI के प्रवाह का छह साल में सबसे ऊंचा मासिक स्तर है. भारत सरकार के बॉन्ड को जेपी मॉर्गन इंडेक्स में शामिल किए जाने के बाद FPI का भारतीय बॉन्ड बाजार के प्रति आकर्षण बढ़ा है.

जनवरी में शेयर बाजार से 25743 करोड़ निकाले

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वहीं दूसरी ओर FPI ने अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने के बीच जनवरी में भारतीय शेयरों से 25,743 करोड़ रुपए की निकासी की है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में FPI ने बॉन्ड बाजार में शुद्ध रूप से 19,836 करोड़ रुपए डाले हैं. यह जून, 2017 के बाद उनके निवेश का सबसे ऊंचा मासिक स्तर है. उस समय उन्होंने बॉन्ड बाजार में 25,685 करोड़ रुपए डाले थे.

दिसंबर में बॉन्ड मार्केट में 18302 करोड़ रुपए डाले थे

इससे पहले दिसंबर में FPI ने बॉन्ड में 18,302 करोड़ रुपए, नवंबर में 14,860 करोड़ और अक्टूबर में 6,381 करोड़ रुपए डाले थे. मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘भारत के निश्चित आय बाजार में FPI का शुद्ध प्रवाह जून में 2.39 अरब डॉलर रहा है. भारत सरकार के बॉन्ड को जेपी मॉर्गन इंडेक्स में शामिल किए जाने की वजह से यह निवेश आया है.’’

जून 20204 से जेपी मॉर्गन की लिस्ट में शामिल 

जेपी मॉर्गन चेज एंड कंपनी ने पिछले साल सितंबर में घोषणा की थी कि वह जून, 2024 से भारत सरकार के बॉन्ड को अपने उभरते बाजार के बेंचमार्क में जोड़ेगी. इस ऐतिहासिक कदम से इसके बाद के डेढ़ से दो साल में भारत को 20 से 40 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करने में मदद करेगी.

फिस्कल डेफिसिट घटाने से बॉन्ड बाजार को फायदा

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में घोषणा की है कि वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटे को कम कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.1 फीसदी पर लाया जाएगा. यह घोषणा भी बॉन्ड बाजार की दृष्टि से सकारात्मक है. कुल मिलाकर, 2023 में FPI ने शेयरों में 1.71 लाख करोड़ रुपए और ऋण या बॉन्ड बाजार में 68,663 करोड़ रुपए डाले थे. इस तरह पूंजी बाजार में उनका कुल निवेश 2.4 लाख करोड़ रुपए रहा था.