भारत में स्टार्टअप (Startup) कल्चर तेजी से बढ़ रहा है और इसी के साथ तेजी से बढ़ रहा है फ्रेंचाइजी (Franchise) कल्चर. इसकी एक बड़ी वजह ये है कि लोगों को जीरो से शुरू नहीं करना होता, बल्कि किसी दूसरे बने बनाए बिजनेस (Business) की फ्रेंचाइजी लेकर बिजनेस शुरू कर देना होता है. हालांकि, इसमें थोड़ा पैसा फ्रेंचाइजी के तौर पर भी चुकाना होता है, लेकिन वह भारी रिस्क लेकर नया बिजनेस शुरू करने की तुलना में सस्ता होता है. दुनिया भर में फ्रेंचाइजी के मामले में सबसे बड़ा नाम है फ्रेंचाइज इंडिया का, जो हजारों ब्रांड्स को फ्रेंचाइजी मॉडल (Franchise Model) के जरिए बिजनेस करने में मदद करता है. 

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फ्रेंचाइज इंडिया ने दिल्ली के प्रगति मैदान में Franchise India 2023 का आयोजन किया है, जिसमें 750 से भी अधिक ब्रांड्स ने हिस्सा लिया है. इसमें कंपनी के चेयरमैन गौरव मार्या ने कुछ ऐसी बातें कहीं जो हर उस व्यक्ति को बहुत अच्छी लगेंगी, जो अपना बिजनेस शुरू करने की सोच रहा है.

क्या बोले फ्रेंचाइज इंडिया के चेयरमैन?

फ्रेंचाइज इंडिया के चेयरमैन गौरव मार्या ने बताया कि जब वह 25 साल पहले अमेरिका से भारत वापस लौटे थे तो उनका विजन था दुनिया की कंपनियों को भारत में लाना. वहीं आज उनका मकसद ये है कि भारत की तमाम कंपनियों को ग्लोबल बनाया जाए. मोदी सरकार की तरफ से भी देश की तमाम कंपनियों को ग्लोबल बनाने की कोशिश हो रही है. हर कॉरपोरेट से लेकर स्टार्टअप तक, सभी फ्रेंचाइजी मॉडल को अपना रहे है. 

फेल क्यों हो जाते हैं अधिकतर स्टार्टअप?

आईबीएम (IBM) के एक सर्वे के मुताबिक 91 फीसदी स्टार्टअप अपने शुरुआती 5 सालों में ही बंद हो जाते हैं. जब गौरव मार्या से इस पर उनकी राय मांगी गई तो उन्होंने कहा कि बहुत सारे स्टार्टअप इसलिए फेल हो जा रहा हैं, क्योंकि वह रियल प्रॉब्लम सॉल्व नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि फ्रेंचाइज इंडिया पिछले 25 सालों से इसीलिए अभी तक चल रहा है, क्योंकि वह रियल प्रॉब्लम सॉल्व कर रहा है और लोगों को बिजनेस बनाने में मदद कर रहा है. यूनीकॉर्न पर गौरव मार्या ने कहा कि अक्सर निवेशकों की तरफ से स्टार्टअप पर कई गुना बढ़ने का दबाव डाला जाता है, जिसका नतीजा ये होता है कि स्टार्टअप बिजनेस को जल्द से जल्द यूनीकॉर्न बनाने में लग जाते हैं. जबरदस्ती आईपीओ लाया जाता है, जिससे निवेशक को कमाई कर के निकल जाते हैं, लेकिन कई बार हम-आप जैसे रिटेल शेयरहोल्डर फंस जाते हैं.

कितना बड़ा है फ्रेंचाइजी का मार्केट?

अगर फ्रेंचाइजी की बात करें तो भारत का बाजार इस मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है. इस फील्ड में पहले नंबर पर अमेरिका है, लेकिन अगले कुछ सालों में भारत उसे भी पीछे छोड़ देगा और नंबर-1 बन जाएगा. गौरव मार्या कहते हैं कि भारत का फ्रेंचाइजी मार्केट 25-30 फीसदी सालाना की रफ्तार से बढ़ रहा है. 

क्या है फ्रेंचाइज इंडिया?

यह करीब 25 साल पुरानी कंपनी है जो तमाम कंपनियों को और बिजनेस करने की चाहत रखने वाले लोगों को एक दूसरे से मिलाती है. इसके लिए कंपनी देश के अलग-अलग हिस्सों में इवेंट्स ऑर्गेनाइज करती है. भारत में यह कंपनी 97 शहरों में है और दुनिया में 8 देशों में है. करीब 1200 लोगों की टीम के साथ फ्रेंचाइज इंडिया तमाम आन्त्रप्रेन्योर को सही फ्रेंचाइजी चुनने में मदद करता है.