भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला मार्केट है. आज के दौर में स्टार्टअप शब्द बहुत सुनने को मिल जाता है. कोई भी इंसान बिजनेस को अपने लिए एक फायदेमंद एंटरप्राईस बनाने के लिए स्टार्ट करता है. हमें अलग-अलग स्टार्टअप की शुरुआती सफलता, स्केलिंग, और नंबर्स के बढ़ने की स्टोरी सुनने को मिल जाती है. लेकिन सच्चाई ये है कि ज्यादातर स्टार्टअप दस साल से ज्यादा नहीं चलते हैं. इसके साथ ही कोविड के दौरान स्टार्टअप के नंबर में बढ़त हुई है. आपको अपने स्टार्टअप को इतने भीड़भाड़ वाले बाजार में बचाकर रखने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है. इसके लिए कॉकरोच स्टार्टअप बेस्ट हैं. कॉकरोच स्टार्टअप, कॉकरोच की तरह, इकॅानॅामी या वेंचर की स्थितियों में बदलाव की परवाह किए बिना बना रहता है. ये ग्रुप तय करने में केपेबल है कि कहां पैसा खर्च करना है और कहां नहीं. एक कॅकरोच स्टार्टअप, मार्केट की स्थितियों और इंवेस्टमेंट की कंडीशन के बदलने के बावजूद भी बना रहता है.

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क्यों पड़ा Cockroach Startups नाम

स्टडी के अनुसार, डायनासोर से बहुत पहले 320 मिलियन साल से कॅाकरोच पृथ्वी पर हैं. कॅाकरोच लगभग हर तरह की कंडीशन में सस्टेन कर जाते हैं. ये खतरनाक दर से बढ़ रहे हैं. साथ ही ये बिना सिर के एक सप्ताह तक जीवित रह सकते हैं. उसके बाद भी ये पानी की कमी से ही मरते है. Cockroach बिना खाने के एक महीने तक जीवित रह सकते हैं. यहां तक की परमाणु विस्फोट से भी इनके बचने की उम्मीद है. अगर कॉकरोच और कॉकरोच स्टार्टअप के बीच समानता पर ध्यान दें तो इसको ऐसे समझ सकते हैं. Cockroach स्टार्टअप कम सेलरी और फाइनेंशियल कॅास्ट के बजट वाले बिजनेस होते हैं. इनकी ग्रोथ रेट बढ़ रही है.

इंवेस्टमेंट कैपिटल के बिना लोंगटर्म प्लानिंग नहीं हो सकती है. साथ ही बाजार की स्थितियों में बदलाव के साथ ये भी बदलते हैं. इनमें जल्द ही कैश-फ्लो पॉजिटिव बनने की संभावना होती है. और अगर आप के पास एक रियल प्रोडक्ट या सर्विस है तो आप अपने बिजनेस से न्यूक्लियर वॅार से भी बच सकते हैं. जिसके लिए आपको पास एक स्ट्रॅाग रेवेन्यू मॅाडल होना जरुरी है.

बढ़िया cockroach स्टार्टअप क्या होता है

धैर्य

एक कॉकरोच स्टार्टअप जल्दी नहीं बढ़ता है. इसका मतलब ये नहीं है कि ऐसे स्टार्टअप के फाउंडर पैसा नहीं चाहते हैं. इसका मतलब है कि वे अपने पैसे को इंवेस्ट करने के लिए सही समय और सही कंडीशन का इंतजार करते हैं.

फिक्स एसेट पर कम खर्च करना

स्टार्टअप खड़ा करने में पैसा खर्च होता है. लेकिन इस तरह के स्टार्टअप फिक्स्ड एसेट में इंवेस्ट करने से बचते हैं. जैसे कि फाउंडर अपने लिए वर्किंग स्पेस को खरीदने के बजाय को-वर्किंग स्पेस को रेंट पर लेकर पैसा बचाते हैं. इस तरह से बचाए पैसों से आप किसी बढ़िया एम्प्लोई को हायर कर सकते है.

प्रॅाफिट फर्स्ट का माइंडसेट बनाए रखना

एक कॉकरोच स्टार्टअप नकदी को बर्बाद करके बाजार का पसंदीदा बनने की जल्दी में नहीं रहता है. इसका फोकस हमेशा रेवेन्यू ग्रोथ बढ़ाने पर होता है. इसलिए आप जो भी बनाना शुरू करें, आपको बस तुरंत पैसा चार्ज करना चाहिए.

प्रोडक्ट और सर्विस सर्वाइवल के लिए जरुरी है

 

कॉकरोच स्टार्टअप का नेचर एडप्टेबल होता है. क्योंकि उनके पास एक रियल प्रोडक्ट और सर्विस होती है. जो उन्हें मुसीबत में भी सर्वाइव करने की ताकत देती है.

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