गुजरात फार्मा कंपनी का गढ़ माना जाता है. सबसे ज्‍यादा फार्मा कंपनियां यही हैं. वर्ष 2000 में पूर्वोत्तर राज्यों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए वहां फार्मा कंपनी को टेक्स फ्री हॉलिडे दिया गया था, लेकिन गुजरात में फार्मा कंपनियों की संख्‍या नहीं घटी. 'वन नेशन वन टैक्स' यानी GST लागू होने के बाद अब कर की दर पूरे देश में एकसमान है. खबर यह है कि देश की बड़ी फार्मा कंपनियां गुजरात में बड़ा निवेश कर सकती हैं. वाइब्रंट गुजरात समिट में इसकी घोषणा होगी. इन कंपनियों में सन फार्मा (Sun Pharma), एलम्बिक फार्मा, अस्ट्रजेनेका फार्मा और दिशमान फार्मा शामिल है. गुजरात फूड एंड ड्रग्स कमिश्नर एच.जी. कोशिया के मुताबिक गुजरात में बड़ी फार्मा कंपनियां जल्द ही विस्तार करने जा रही हैं या तो नया प्लांट डालने जा रही हैं. 

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ये कंपनियां करेंगी निवेश

सन फार्मा : ₹400 करोड़

एलम्बिक फार्मा : ₹300 करोड़

अस्ट्राजेनेका फार्मा इंडिया : ₹300 करोड़

दिशमान फार्मा : ₹150 करोड़

260 से अधिक कंपनियों ने किया करार

अब तक 260 से अधिक कंपनियों ने गुजरात सरकार के साथ विस्तार योजना या नए निवेश का करार किया है. यह निवेश का आंकड़ा ₹4000 करोड़ के ऊपर चला गया है. यह सारी प्रक्रिया गुजरात सरकार के फूड एंड ड्रग्स विभाग के साथ हो रही है क्योंकि गुजरात में जितने फार्मा प्लांट है उनको फूड इंडेक्स विभाग को सूचित करना होता है अगर वह कोई नया निवेश करना चाहे या प्लांट लगाना चाहे.

क्यों गुजरात है महत्वपूर्ण

हर फार्मा कंपनी के लिए गुजरात एक अहम राज्य है क्योकि यहां सस्‍ता मैनपावर है, उद्योग के लिए अच्छा वातावरण है और एक्सपोर्ट करने के लिए पोर्ट की अच्छी फैसिलिटी है. साथ ही पूरे देश में सप्लाई करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर भी है. इसलिए न केवल गुजराती दवा कंपनी वापस गुजरात में आई है. लेकिन पूरे देश और दुनिया से भी कई लोग गुजरात में निवेश करने के लिए बीते 1 साल में आए हैं. जापान और अमेरिका की दवा कंपनी भी इसमें शामिल है. 

फार्मा कारोबार दो लाख करोड़ का

पूरे भारत में फार्मा बिजनेस सालाना दो लाख करोड़ का है. गुजरात का हिस्सा अभी 33% है. 4000 छोटे-बड़े फार्मा उत्पादक यहां पर मौजूद हैं. गुजरात का फार्मा में निर्यात का हिस्सा भी 28% है. यहां पर फार्मसी कॉलेज रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर रिसर्च और उनके संलग्न मशीनरी उत्पादक यूनिटी है. अब आने वाले 5 साल में गुजरात का हिस्सा बढ़कर 42% हो जाएगा. अच्छे वातावरण के कारण और टैक्स में एक समानता के कारण लोग गुजरात की ओर अपनी दवा फैक्ट्री लगाने के लिए आ रहे हैं.