देश में लॉकडाउन लगे होने के बाद भी यहां की स्टार्टअप कंपनियां बेहतरीन प्रदर्शन कर रही हैं. ये स्टार्टअप्स की मेहनत का ही नतीजा है कि साल भर के भीतर ही देश की 28 स्टार्टअप्स कंपनियां यूनिकॉर्न का दर्जा पाने में सफल रही हैं. साल 2011 से 2014 की तुलना करने पर पता चलता है कि इन तीन सालों में हर साल केवल 1 ही ऐसी कंपनी को यूनिकॉर्न बनने का मौका मिला है. लेकिन साल 2015 के बाद से लगातार इस उपलब्धि में बेहतर प्रदर्शन देखा जा रहा है.

किसे यूनिकॉर्न कंपनी कहा जाता है

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बता दें कि यूनिकॉर्न कंपनी का दर्जा ऐसे किसी भी स्टार्टअप कंपनी को नहीं दिया जाता है. दरअसल प्रदर्शन और मूल्यांकन का ये वो दायरा है जिसके जरिए कंपनियों को यूनीकॉर्न का दर्जा मिलता है. यूनिकॉर्न उन कंपनियों को कहा जाता है जिसकी वैल्युएशन 1 अरब डॉलर्स के आंकड़े को पार कर जाती हैं. भारतीय करंसी में 1 अरब डॉलर्स तकरीबन 73 अरब रुपए के बराबर होते हैं. ऐसे में स्टार्टअप कंपनियों के बेहतरीन प्रदर्शन के चलते ही यहां तेजी से नई स्टार्टअप कंपनियां तैयार हो रही हैं.

कुल 65 स्टार्टअप्स बनी यूनिकॉर्न

वेंचर इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 की शुरुआत से लेकर अब तक यानी बीते 9 महीने में देश की 28 स्टार्टअप कंपनियां यूनिकॉर्न का दर्जा पा चुकी हैं. ऐसे सकारात्मक माहौल का ही ये परिणाम है कि देश में यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स की तादाद बढ़कर 65 पर जा पहुंची है.

कौन सी कंपनियां कर रही हैं अच्छा प्रदर्शन

2021 में बेहतर प्रदर्शन कर रही स्टार्टअप कंपनियों में गेमिंग इंडस्ट्रीज़ से जुड़ी कंपनियां बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं. साथ ही ग्रॉसरी से जुड़ी कंपनी भी शामिल है. गेमिंग में मोबाइल प्रीमियम लीग, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजवाली कंपनी CoinDCX, फिनटेक कंपनी BhratPe शामिल है.

ऐसा रहा ट्रैक रिकॉर्ड

प्रदर्शन के लिहाज से अगर बात करें तो साल 2011 से 2014 के दौरान इन तीन सालों में हर साल केवल एक ही ऐसी कंपनी यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल कर पाई थी. लेकिन 2015 में स्टार्टअप्स के यूनिकॉर्न का दर्जा पानेवाली कंपनियों का ये आंकड़ा बढ़ना शुरू हुआ. 2015 में 4 कंपनियां यूनिकॉर्न रहीं, जबकि 2018 में 8 कंपनियां यूनिकॉर्न बनीं, 2019 में 9 और 2020 में ये आंकड़े और बढ़कर 10 तक जा पहुंचे हैं. लेकिन 2021 के वर्ष में ये आंकड़े आश्चर्यजनक तौर पर तेजी से आगे बढ़ते हुए 21 स्टार्टअप कंपनियां को यूनिकॉर्न की दहलीज पार करा चुके हैं. जबकि 2021 में नौ महीने के दौरान ही 9 स्टार्टअप कंपनियां यूनिकॉर्न बन चुकी हैं.

दुनिया में क्या है सीन

साल 2021 में दुनिया में भी भारत कई देशों से आगे रहा जहां स्टार्टअप कंपनियां यूनिकॉर्न बनी हैं. लेकिन अमेरिका इसमें कहीं आगे है. अमेरिका में 188 स्टार्टअप कंपनियां यूनिकॉर्न बनी हैं. भारत की बराबरी चीन भी कर रहा है. चीन में भी इस साल 28 स्टार्टअप कंपनियां यूनिकॉर्न बनी हैं. ब्रिटेन इस मामले में भारत से काफी पीछे रह गया है. ब्रिटेन में केवल 9 कंपनियां ही स्टार्टअप बन पाई हैं. ब्राजिल में 3 और पड़ोस के देश इंडोनेशिया में केवल 1 स्टार्टअप यूनिकॉर्न बन पाया है.

लेकिन उम्मीदें यहां भी कायम है, माना जा रहा है कि जिस तेजी के साथ देश में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ है इससे ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि चार साल के भीतर तकरीबन 150 स्टार्टअप यूनिकॉर्न हो सकती हैं. यूनिकॉर्न स्टार्टअप के मामले में भारत तीसरे पायदान पर है.