भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन (V Anantha Nageswaran) ने कहा है कि भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (Economy) बनाने में देश के स्टार्टअप (Startup) एक बड़ी भूमिका निभाएंगे. यह बात उन्होंने केरल स्टार्टअप मिशन यानी केएसयूएम (KSUM) की तरफ से आयोजित किए गए कार्यक्रम 'हडल ग्लोबल 2023' के समापन दिवस पर कही है.

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केरल स्टार्टअप मिशन की तरफ से जारी बयान के अनुसार, वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि स्टार्टअप्स की वजह से अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी. वह बोले कि बुनियादी ढांचे में सुधार और सरकार की मदद करने वाली पॉलिसी की वजह से तिरुवनंतपुरम समेत टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्टार्टअप की संख्या तेजी से बढ़ रही है. सीईए ने केएसयूएम (KSUM) के कार्यक्रम 'हडल ग्लोबल 2023' के समापन दिवस पर कहा कि अभी दुनिया भर की बात करें तो भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. आने वाले कुछ सालों में यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. 

क्यो बोले मुख्य आर्थिक सलाहकार?

वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि सेवन-इन-सेवन का नारा चर्चा में है. इसका मतलब है 7 सालों में 7000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना. वह आगे बोले कि अगर भारत अपनी मौजूदा ग्रोथ को बरकरार रखता है तो 2030 तक 7000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को इतना बड़ा बनाने में स्टार्टअप एक अहम भूमिका निभाने जा रहे हैं.

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि पिछले दशक में भारत के स्टार्टअप ईकोसिस्टम में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है. भारत दुनिया भर में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप ईकोसिस्टम के रूप में उभरा है. उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने 763 जिलों में 1.12 लाख से अधिक स्टार्टअप को मान्यता दी है.

पहली बार 4 ट्रिलियन डॉलर पर भारत

हाल ही में भारत की इकनॉमी पहली बार 4 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंची. भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए यह बहुत बड़ी सफलता है. दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को साल 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. उस दिशा में यह बड़ी उपलब्धि है. 18 नवंबर को सुबह के 10.25 बजे देश की जीडीपी का साइज 4 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है. इसके साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था अब दुनिया में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है.

26.70 ट्रिलियन डॉलर के साथ अमेरिका पहले नंबर पर. 19.24 ट्रिलियन डॉलर के साथ चीन दूसरे नंबर पर, 4.39 ट्रिलियन डॉलर के साथ जापान तीसरे नंबर पर, 4.28 ट्रिलियन डॉलर के साथ जर्मनी चौथे नंबर पर और 4 ट्रिलियन डॉलर के साथ भारत पांचवें नंबर पर है. जापान और भारत के बीच फासला काफी कम रह गया है.