स्पेसटेक स्टार्टअप Skyroot Aerospace ने प्री-सीरिज सी फंडिंग राउंड के तहत 27.5 मिलियन डॉलर यानी करीब 225 करोड़ रुपये जुटाए हैं. इस फंडिंग राउंड का नेतृत्व Temasek ने किया था. यह स्टार्टअप स्पेस लॉन्च व्हीकल्स बनाता है, जिसकी शुरुआत 2018 में Pawan Kumar Chandana और Naga Bharath Daka ने की थी. 

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इस राउंड के तहत जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी के इंफ्रास्ट्रक्चर को और अधिक मजबूत बनाने में किया जाएगा. साथ ही कंपनी की टेक्नोलॉजी, लीडरशिप, नया टैलेंट हायर करने के साथ-साथ लॉन्च फ्रीक्वेंसी और क्षमता को बढ़ाने में किया जाएगा. वित्त वर्ष 2023 में इस स्पेसटेक स्टार्टअप का नेट लॉस बढ़कर 55.2 करोड़ रुपये हो गया था, जो उससे पिछले साल में 23.7 करोड़ रुपये था. 

कुछ समय पहले ही बनाया है Vikram-I रॉकेट

हाल ही में इस स्पेसटेक स्टार्टअप ने अपना रॉकेट Vikram-I बनाया था, जो एक मल्टी स्टेज लॉन्च व्हीकल है. यह 300 किलो के पेलोड को धरती को लो-अर्थ ऑर्बिट में ले जा सकता है. रॉकेट बनाए जाने की खबर सामने आने के महज कुछ दिन बाद ही कंपनी की फंडिंग से जुड़ी बड़ी खबर आई है.

सफलतापूर्वक लॉन्च किया था Vikram-S रॉकेट

इस स्टार्टअप ने इसी महीने Prométhée Earth Intelligence के साथ एक एमओयू साइन किया है. इसके तहत विक्रस लॉन्च व्हीकल की सेवाएं विदेशों में भी दी जा सकेंगी. पिछले ही साल Skyroot स्पेस में रॉकेट लॉन्च कर के पहली प्राइवेट स्पेसटेक फर्म बनी थी और इतिहास रच दिया था. इसने सफलतापूर्वक Vikram-S रॉकेट को लॉन्च किया था. ये लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से की गई थी.

 

815 किलो तक पेलोड ले जा सकते हैं ये रॉकेट

अभी तक Skyroot ने कुल मिलाकर 90 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासल की है. Vikram-I के अलावा यह स्टार्टअप Vikram-II और Vikram-III भी बना रहा है. कंपनी का दावा है कि इसके रॉकेट को महज 24-72 घंटों के अंदर असेंबल किया जा सकता है और वह लॉन्च के लिए तैयार हो जाएंगे. अलग-अलग पेलोड के हिसाब से असेंबल करने में अलग-अलग वक्त लगता है. इस स्टार्टअप के रॉकेट 290 किलो से लेकर 815 किलो तक के पेलोड ले जा सकते हैं.