दिवाली (Diwali) से पहले SaaS आधारित लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशन प्रोवाइडर शिपयारी (Shipyaari) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय डाक (India Post) के साथ पार्टनरशिप की है. इस अहम कदम के जरिए यह स्टार्टअप अपनी लास्ट-माइल डिलीवरी की पहुंच को बढ़ाना चाहता है. शिपयारी के भारतीय डाक के साथ पार्टनरशिप किए जाने की वजह से अब यह स्टार्टअप (Startup) देश के हर कोने में तमाम प्रोडक्ट पहुंचा सकेगा.

India Post कैसे निभाएगा अहम भूमिका?

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अगर मौजूदा वक्त की बात करें तो आपको देश के किसी भी कोने में कोई लेटर या डॉक्युमेंट या कोई सामान भेजना है, तो भारतीय डाक से ही ये मुमकिन है. ऐसा इसलिए क्योंकि कूरियर या लॉजिस्टिक्स सेवा देश के हर कोने में उपलब्ध नहीं है. यह सेवाएं उन्हीं जगहों पर उपलब्ध होती हैं, जहां पर ठीक-ठाक आबादी होती है, जबकि भारतीय डाक देश के हर कोने में मौजूद है. ऐसे में लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप की भारतीय डाक से पार्टनरशिप के बाद कंपनी का बिजनेस काफी बढ़ सकता है.

तमाम रिपोर्ट के अनुसार इंडियन ई-कॉमर्स मार्केट का ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू 2022 में 73.6 फीसदी बढ़ा था और 100 अरब डॉलर तक पहुंच गया. यही वजह है कि तमाम लॉजिस्टिक्स कंपनियों को भारतीय डाक का महत्व दिख रहा है, जिससे वह अपना बिजनेस बढ़ा सकते हैं. 

क्या कहना है इंडिया पोस्ट का?

India Post के बिजनेस डेवलपमेंट और मार्केटिंग के Assistant Postmaster General सुधीर (Sudhir Jakhere) कहते हैं कि शिपयारी के साथ पार्टनरशिप कर के इंडिया पोस्ट को खुशी हो रही है. हमारी लास्ट माइल नेटवर्क की वजह से स्टार्टअप को देश के हर कोने में सामान डिलीवर करने में आसानी होगी. इससे डी2सी ब्रांड्स और ई-कॉमर्स सिस्टम को बड़े लेवल पर फायदा होगा.

इस पार्टनरशिप के चलते ग्रामीण इलाकों में आने वाली लॉजिस्टिक्स से जुड़ी चुनौतियों से निपटा जा सकेगा, जो खराब इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से झेलनी पड़ती हैं. इंडिया पोस्ट के नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए शिपयारी का प्लान है कि वह एक इकनॉमिकल और फास्ट डिलीवरी सर्विस मुहैया करा सके. बता दें कि शिपयारी की शुरुआत 9 अप्रैल 2013 को विशाल तोतला (Vishal Totla) और नयन रतनधयारा (Nayan Ratandhayara) ने की थी.

iThink Logistics ने भी की है India Post के साथ पार्टनरशिप

करीब महीने भर पहले ही एडवांस लॉजिस्टिक्स टेक्नोलॉजी कंपनी iThink Logistics ने भी India Post के साथ पार्टनरशिप की थी. इस पार्टनरशिप के चलते अब कंपनी का मकसद देश के उन दूर-दराज के इलाकों तक डिलीवरी पहुंचाना है, जहां सामान डिलीवर करना अभी मुमकिन नहीं हो पाता है. कंपनी के बयान के मुताबिक इस स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप के चलते डी2सी स्टार्टअप्स (D2C Startups) और छोटे व मध्यम बिजनेस (SMBs) को अपनी पहुंच बढ़ाने में आसानी होगी, जिससे उनकी कमाई भी बढ़ेगी. 

अगर साल 2022 की बात करें तो टीयर-2 शहरों में ई-कॉमर्स की पहुंच करीब 21.4 फीसदी तक रही. वहीं टीयर-3 शहरों में ई-कॉमर्स की पहुंच लगभग 41.5 फीसदी रही है. Flipkart, Myntra और Meesho जैसे दिग्गज मार्केट प्लेस ने अपना खुद का एक मजबूत ब्रांड बना लिया है, लेकिन बहुत सारे ई-कॉमर्स ब्रांड अक्सर ही लिमिटेड एरिया तक सर्विस की वजह से चुनौतियां झेलते हैं.