शार्क टैंक इंडिया के तीसरे सीजन (Shark Tank India-3) का दूसरा एपिसोड भी आ चुके है. इस एपिसोड में दीपिंदर गोयल (Deepinder Goyal) भी शार्क की तरह पैनल में बैठे दिखे. दीपिंदर गोयल ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप जोमैटो (Zomato) के फाउंडर हैं. जोमैटो का आइडिया उन्हें तब आया, जब उन्होंने देखा कि उनके दोस्तों को रेस्टोरेंट और खाने के मेन्यू के लिए काफी जद्दोजेहद करनी पड़ रही है. दूसरे एपिसोड में 3 स्टार्टअप्स ने अपनी पिच दी, जिनमें से एक है नोएडा का हेल्दी स्नैकिंग स्टार्टअप The Cinnemon Kitchen. आइए जानते हैं इस स्टार्टअप (Startup) के बारे में.

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इस स्टार्टअप की शुरुआत नोएडा में रहने वाली प्रियाशा सलूजा ने की है. नोएडा-63 में उनकी फैक्ट्री है, जिसमें वह हेल्दी स्नैक बनाती हैं. प्रियाशा ने इसे साल 2019 में शुरू किया था. इससे पहले वह एक मार्केटिंग कंपनी में काम करती थीं. उनके बिजनेस के दो हिस्से हैं. पहला है पैकेज्ड फूड और दूसरा है मेक टू ऑर्डर बेकरी. इनके प्रोडक्ट 100% ग्लूटन फ्री, डेयरी फ्री और प्लांट बेस्ड होते हैं. साथ ही इसमें वीगन और कीटो के प्रोडक्ट भी मिलते हैं. अभी कंपनी के कुल 45 एसकेयू हैं. हेल्दी स्नैक का मार्केट तेजी से बढ़ रहा है, इसलिए इसमें बहुत सारे मौके हैं. हालांकि, शार्क को पैकेजिंग पसंद नहीं आई और अनुपम मित्तल ने कहा कि वह बेकरी बिजनेस की वजह से अपने पैकेज्ड फूड बिजनेस पर ध्यान नहीं दे पा रही हैं.

हर साल 7-8 गुना बढ़ रही कमाई

मौजूदा वक्त में कंपनी का बिजनेस दिल्ली-एनसीआर में है, लेकिन वह जल्द ही इसे बेंगलुरु और मुंबई तक ले जाना चाहती हैं. इतना ही नहीं, प्रियशा इसे तमाम एयरपोर्ट्स तक भी ले जाने की प्लानिंग कर रही हैं. अगर कंपनी के बिजनेस की बात करें तो जब सितंबर 2019 में प्रियशा ने इस बिजनेस की शुरुआत की थी, उस साल 2019-20 में कंपनी ने 1.40 लाख की कमाई की. अगले साल 2020-21 में कंपनी का रेवेन्यू करीब 8 गुना बढ़कर 12.50 लाख रुपये हो गया. 2021-22 में कंपनी की कमाई फिर 7 गुना बढ़ी और करीब 82 लाख रुपये हो गई. 2022-23 में यह कमाई 6 करोड़ रुपये हो गई.

कैसे आया इस स्टार्टअप का आइडिया?

प्रियशा सलूजा को खाना बनाने और खाने का खूब शौक है. वहीं जब वह सिर्फ 13 साल की थीं तो पता चला कि उन्हें पीसीओएस है. बता दें कि इस बीमारी में महिलाओं को ओवैल्युएशन नहीं होता है, उनके पीरियड में अनियमितता आ जाती है, बाल बहुत झड़ते हैं, बांझपन आ जाता है, वजन बढ़ता जाता है और ओवरी में बहुत सारी छोटी-छोटी सिस्ट भी बनने लगती हैं. प्रियशा बताती हैं कि वह अपनी इस कंडीशन की वजह से हेल्दी स्नैक के लिए एक्सपेरिमेंट करती रहती थीं. उन्होंने मैदे को मिलेट से रिप्लेस किया और चीनी को स्टीविया या नेचुरल शुगर से. ऐसे में वह स्नैक खा सकती थीं और उनसे उन्हें कोई नुकसान भी नहीं होता.

सिर्फ 50 हजार रुपये से शुरू किया था बिजनेस

प्रियशा सलूजा ने हेल्दी स्नैकिंग के इस बिजनेस को सिर्फ 50 हजार रुपये से शुरू किया था. प्रियशा ने बताया कि इन पैसों से उन्होंने एक ओवेन, एक ब्लेंडर और कुछ बेकिंग ट्रे खरीदे और बिजनेस शुरू कर दिया. प्रियशा बताती हैं कि उस वक्त उनके पास पैसे बहुत कम थे, इसलिए उन्होंने अपने दोस्त से लोगो डिजाइन करने को कहा. दोस्त ने सर्कल में लोगो बनाया, लेकिन प्रिंटिंग स्क्वायर में होती थी. जब उन्होंने सर्कल कट वाले स्टिकर बनाने के लिए कहा तो पता चला कि इसके लिए 2000 रुपये की डाई लगेगी. ऐसे में शुरुआती 6 महीनों ने प्रियशा ने अपने हाथ से ही अपने लोगो के स्टिकर को सर्कल में काटा. उन्होंने कहा कि बिजनेस में हर महीने जो मुनाफा होता जाता था, उसी से वह कंपनी का बिजनेस बढ़ाती चली गईं.

क्रेडिट स्कोर ने किया इंप्रेस, मिला 12 करोड़ का वैल्युएशन

प्रियशा ने शार्क टैंक इंडिया में 2 फीसदी इक्विटी के लिए 60 लाख रुपये मांगे. हालांकि, अंत में अमन गुप्ता ने 5 फीसदी इक्विटी लेकर उनकी कंपनी में 60 लाख रुपये का निवेश किया. इस तरह द सिनेमन किचन का वैल्युएशन 12 करोड़ रुपये रखा गया. बता दें कि इस कंपनी में अभी तक 99 फीसदी स्टेक प्रियशा के पास है, जबकि 1 फीसदी उनकी मां के पास है. अपना आइडिया पिच करते वक्त प्रियशा ने कहा कि उनका क्रेडिट स्कोर बहुत अच्छा (838) है, तो वह शार्क को रिटर्न जरूर देंगी. 

डीलिंग के दौरान अमन गुप्ता ने 12 फीसदी के रेट पर 50 लाख का लोन ऑफर किया, जिस पर प्रियशा ने कहा कि उनका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो इससे सस्ती दर पर उन्हें लोन आसानी से मिल जाएगा. इस पर दीपिंदर गोयल बोले कि 'असली शार्क तो ये हैं.' वहीं दीपिंदर गोयल इस डील से आउट हो गए, क्योंकि ब्लिंकइट-जोमैटो का मालिक होने के चलते वह बेकरी, रेस्टोरेंट और रिटेल बिजनेस में निवेश नहीं कर सकते हैं. हालांकि, प्रियशा दीपिंदर के गाइडेंस के लिए उनका नंबर लेने की जिंद पर अड़ गईं और डील क्लोज होने के बाद चेक लेकर स्टेज से जाते वक्त दीपिंदर का नंबर ले ही लिया.