भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने कहा है कि स्टार्ट अप कंपनियों (start up companies) को लोन देने के तरीके पर काम कर रहा है, क्योंकि मौजूदा नियम बैंकों को सिर्फ मुनाफे वाले कंपनियों को कर्ज देने की परमिशन देते हैं. पीटीआई की खबर के मुताबिक, बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि स्टार्ट अप कंपनियों को अपने कारोबार के संचालन के लिए इक्विटी फंड जुटाना पड़ता है और प्रमोटर्स को अपनी हिस्सेदारी बेचनी पड़ती है. इस क्षेत्र के लिए लोन फंड उपलबध नहीं होता, क्योंकि शुरुआती वर्षों में ये कंपनियां घाटे में रहती हैं.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

स्टार्ट अप के वित्तपोषण के लिए संघर्ष करना होता है

खबर के मुताबिक, एसबीआई के प्रबंध निदेशक (अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग, टेक्नोलॉजी और अनुषंगी) अश्विनी कुमार तिवारी ने द बंगाल चैंबर की सालाना आम बैठक में कहा कि हमें स्टार्ट अप के वित्तपोषण के लिए संघर्ष करना पड़ता है. नियम सिर्फ मुनाफे वाली कंपनियों को कर्ज की परमिशन देते हैं. उन्होंने कहा कि बैंक अनुषंगी एसबीआई वेंचर्स के जरिये इक्विटी वित्तपोषण कर रहा है.

Zee Business Hindi Live यहां देखें

 

मान्यता प्राप्त स्टार्ट अप की संख्या 85 गुना बढ़ी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टार्ट अप इंडिया की शुरुआत जनवरी, 2016 में किया था. उसके बाद से सरकार से मान्यता प्राप्त स्टार्ट अप की संख्या 85 गुना बढ़ी है. साल 2016 में यह संख्या 504 थी जो 2020 में 42,733 पर पहुंच गई. अर्थव्यवस्था पर तिवारी ने कहा कि देश की वृद्धि में मजबूत सुधार के बावजूद महामारी की वजह से यह 2019 से नीचे रहेगी.