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भारतीय स्टार्ट-अप कंपनी ने बनाया दुनिया का पहला प्लांट बेस्ड एयर प्यूरीफायर, जानें कैसे करता है ये काम

"Ubreath Life" का एक डिवाइस 150 वर्ग फीट आकार के कमरे की हवा को साफ कर सकता है.
Updated on: September 02, 2021, 08.28 PM IST
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ये कैसे काम करता है

ये टेक्नोलॉजी हवा को शुद्ध करने वाले प्राकृतिक पत्तेदार पौधे के माध्यम से काम करती है. कमरे की हवा पत्तियों के साथ संपर्क करती हैं और मिट्टी प्लांट की जड़ों के आस पास फैल जाती है, जहां अधिकतम प्रदूषक शुद्ध होते हैं. इस उत्पाद में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक 'अर्बन मुन्नार इफेक्ट' के साथ-साथ पेटेंट-वेटिंग "ब्रीदिंग रूट्स" के साथ पौधों की फाइटोरेमेडिएशन प्रक्रिया को तेजी से बढ़ाता है. फाइटोरेमेडिएशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा पौधे हवा से प्रदूषकों को प्रभावी ढंग से हटाते हैं.  

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ऑक्सीजन लेवल बढ़ाता है

‘Ubreathe Life’ इंडोर एयर क्वालिटी को कमरे के भीतर मौजूद पार्टिकुलेट मैटर, गैस और बायोलॉजिकल कंटेमिनेंट को हटाकर ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाता है. इसके लिए खास किस्म के पौधे, UV डिसइन्फेक्शन, प्री-फिल्टर के बंच, चारकोल फिल्टर और हाई इफिशियंसी पार्टिकुलेट एयर का इस्तेमाल किया जाता है. इन सारी चीजों को एक खास तरह से डिजाइन किए गए लकड़ी के बक्से में इंस्टॉल किया जाता है.

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खास प्लांट्स का इस्तेमाल

इस प्यूरीफायर के भीतर एक पंखा लगा होता है जो भीतर प्यूरीफायर की ओर हवा खींचता है. इसके बाद जड़ों में पैदा हुई हवा को साफ कर चारों शुद्ध हवा को छोड़ा जाता है. इसके लिए खास प्लांट्स को चुना जाता है जिसमें पीस लिली, स्नेक प्लांट, स्पाइडर प्लांट आदि शामिल हैं. ये सारे प्लांट इनडोर एयर को शुद्ध करने में अच्छे परिणाम देते हैं.

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प्लांट को पानी भी देता है डिवाइस

IIT, रोपड़ के प्रोफेसर राजीव आहूजा ने दावा करते हैं कि‘Ubreathe Life’ 150 वर्ग फुट के एक कमरे में  AQI (Air Quality Index) 15 मिनट में 311 से 39 तक गिर जाता है. इस प्यूरीफायर की खासियत ये भी है कि इसमें लगे प्लांट को रेगुलर पानी देन की जरूरत भी नहीं होती. इसमें 150ml पानी प्लांट की जरूरत के लिए बफर में स्टॉक भी रहता है. डिवाइस अपने आप प्लांट की जड़े सूखने पर पानी की सप्लाई करता है.