कुछ दिन पहले ही दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने हर रोज 12 घंटे काम करने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि देश के युवाओं को हर रोज करीब 12 घंटे काम (Working Hours) करना चाहिए, ताकि देश तेजी से तरक्की कर सके. JSW Group के चेयरमैन Sajjan Jindal ने भी नारायण मूर्ति की बात का समर्थन किया था और अब ओला (Ola) के भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarawal) ने भी उनकी बात का समर्थन किया है. 

क्या बोले भाविश अग्रवाल?

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भाविश ने ट्विटर पर नारायण मूर्ति के बयान की एक खबर शेयर करते हुए उस पर अपनी बात कही है. उन्होंने कहा है कि वह नारायम मूर्ति की बात से पूरी तरह सहमत हैं. उन्होंने कहा कि यह वक्त कम काम करने और मौज-मस्ती करने का नहीं है. बल्कि यह वक्त है सिर्फ एक पीढ़ी में वैसा बन जाया जाए, जैसा बनने में बाकी देशों को कई पीढ़ियां लगी हैं. यानी उनका भी यही कहता है कि युवाओं को हर रोज 12 घंटे काम करना चाहिए और देश को आगे ले जाना चाहिए.

उन्होंने एक अलग ट्वीट में लिखा कि हमारे दादा की पीढ़ी ने आजादी के लिए लड़ाई लड़ी. हमारे माता-पिता ने रोटी-कपड़ा-मकान के लिए लड़ाई लड़ी. भले ही अब हमें ये अच्छा लगे या नहीं, लेकिन हमारी जनरेशन को भारत को सबसे बड़ी इकनॉमी बनाना है. इसमें हमारी सारी कोशिश लगानी होगी. इस यात्रा में अपना योगदान देने से अच्छी संतुष्टि किसी और काम से नहीं मिलेगी.

क्या कहा था नारायण मूर्ति ने?

नारायण मूर्ति ने कहा था कि जब युवा हफ्ते में 70 घंटे काम (Working Hours) करेंगे, तभी भारत आगे निकल पाएगा. उन्होंने यह बातें पॉडकास्ट 'द रिकॉर्ड' के लिए इंफोसिस के पूर्व CFO मोहनदास पई से बात करते हुए कहीं. उन्होंने कहा मौजूदा वक्त में भारत की वर्क प्रोडक्टिविटी दुनिया में सबसे कम है. यहां हमारा मुकाबला सबसे ज्यादा चीन से है और ऐसे में युवाओं को अतिरिक्त घंटे काम करना होगा. जापान और जर्मनी ने दूसरे विश्व युद्ध के बाद कुछ ऐसा ही किया था. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को भी भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में अहम कदम उठाने होंगे. अगर हमें प्रगतिशील देशों से मुकाबला करना है तो नौकरीशाही को बेहतर बनाना होगा. वह बोले कि युवाओं को कहना चाहिए ये मेरा देश है और मैं हफ्ते में 70 घंटे काम करूंगा. उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी जिम्मेदारी निभा रही है, लेकिन देश के लोगों को आगे बढ़कर योगदान देना होगा. जब तक हम ऐसा नहीं करेंगे, तब तक बेचारी सरकार क्या कर सकती है.

नारायण मूर्ति बोले कि वर्क प्रोडक्टिविटी के मामले में चीन एक जीता-जागता उदाहरण है, जहां लोग भारत की तुलना में अधिक देर काम करते हैं. देश के सभी युवाओं से उन्होंने आग्रह किया है कि इसे महसूस करें और अगले 20-50 सालों तक दिन में 12 घंटे काम करें, ताकि भारत जीडीपी के मामले में नंबर-1 या 2 बन जाए. 

नारायण मूर्ति ने सुनाया एक दिलचस्प किस्सा

टेक्नोलॉजी की उपलब्धता बताते हुए नारायण मूर्ति ने कहा कि एक उनके रसोइया ने कहा कि सर आपका डायबिटीज से बचाने वाला आटा खत्म होने वाला है, तो अभी ऑर्डर करना होगा. इस पर मूर्ति ने उसे अपने पास बैठा कर अमेजन से ऑर्डर किया. वह बोले मेरा रसोइया युवा है और ओडिशा से है, उसे ऑनलाइन ऑर्डर के बारे में पता है, उसे पता है कि 2 महीने के लिए कितना आटा चाहिए और उसने तुरंत ऑर्डर कर दिया. इससे समझ आता है कि तकनीक कितनी आगे बढ़ चुकी है. पहले के जमाने में राशन खरीदने के लिए दूर जाना पड़ता थ, लेकिन आज सब कुछ सिर्फ एक क्लिप पर उपलब्ध है. मूर्ति ने कहा कि जब उन्होंने आटा ऑर्डर किया तो रात के 10 बज रहे थे, जबकि पुराने जमाने में इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी.