निर्माण क्षेत्र का पर्यावरण से सीधा संबंध है. दिल्ली में प्रदूषण की समस्या बढ़ने से सरकार सबसे पहले निर्माण कार्यों पर रोक लगाती है. लेकिन अब निर्माण सेक्टर से पर्यावरण को नुकसान नहीं बल्कि उल्टा फायदा होगा. नवरत्न ग्रुप ऑफ कंपनीज की सीमेंट बनाने वाली कंपनी नवरत्न ग्रीन सीमेंट इंडस्ट्री ने हरे सीमेंट का निर्माण किया है.

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कंपनी का दावा है कि नवरत्न ग्रीन क्रीट ( Green Cement) एक ऐसा ही आविष्कार है जो क्रीट बनाने के लिए कबाड़ या कचरे का इस्तेमाल करता है. महत्वपूर्ण यह है कि लैंडफिल्स की संख्या घट रहा है और प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीर समस्या के लिए भी. 

नवरत्न ग्रुप के चेयरमैन हिमांश वर्मा ने बताया कि ग्रीन सीमेंट उनकी बड़ी खोज है. हिमांश वर्मा ने बताया कि उनका ग्रीन सीमेंट निर्माण सेक्टर तो एक नई दिशा देगा ही साथ ही, प्रदूषण की समस्या से भी मुक्ति दिलाएगा. ग्रीन सीमेंट का निर्माण शहरों में पैदा होने वाले कचरे से किया जा रहा है.

नवरत्न ग्रुप ऑफ कंपनीज (Navrattan Group of companies) अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रही बड़ी कॉन्गलोमरेट्स में से एक है. इस समय नवरत्न ग्रुप (Navrattan Group) को ज्यादातर लोग एक ऐसे ब्रांड के तौर पर पहचानते हैं जो विविधतापूर्ण उद्योगों में काम कर रहा है. इन उद्योगों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी, वैकल्पिक ऊर्जा, स्वास्थ्य देखभाल, बासाल्ट खनन, कृषि, अधोसंरचना और परिवहन शामिल है, जिसमें भी खास बात यह है कि कंपनी का जोर पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकी आविष्कारों पर रहता है.

नवरत्न ग्रुप ऑफ कंपनीज का मुख्यालय मुंबई में है और ग्रुप में 6 स्वतंत्र रूप से कार्यरत कंपनियां हैं. इनमें नवरत्न होल्डिंग्स लिमिटेड, नवरत्न ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड, नवरत्न ग्रीन सीमेंट इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, नवरत्न साइंस एंड टेक्नोलॉजी केएफटी, नवरत्न यूएके इंक, और नवरत्न इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. इसके अलावा कंपनी के पास वैज्ञानिकों, शोधार्थियों और पेशेवरों की एक बड़ी टीम है. 

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नवरत्न ग्रुप के नए आविष्कारों में सनसुल टेक्नोलॉजी, नवरत्न ग्रीन क्रीट, कम्पोजिट इलेक्ट्रिक बस, नवरत्न थर्मो केमिकल गैसिफिकेशन टेक्नोलॉजी, सीवेज स्लग इंसीनरेटर, बासाल्ट रेबर, कॉलेस्ट्रॉल टीकाकरण और कई अन्य शामिल हैं.