पिछले कई सालों में स्टार्टअप (Startup) को लेकर बहुत सी खबरें सामने आई हैं. कुछ महीनों से Byju's को लेकर भी काफी बातें हो रही हैं. कंपनी के गवर्नेंस को लेकर खूब सवाल उठे. एक वक्त ऐसा भी आया जब स्टार्टअप्स के रेगुलेशन को सख्त करने की बातें कही गईं. इसी बीच पीयूष गोयल (Piyush Goyal) का एक बयान सामने आया, जिसमें कहा गया कि सरकार स्टार्टअप को रेगुलेट नहीं करेगी, बल्कि उसकी मदद करेगी. अब खबर आ रही है कि भारत सरकार स्टार्टअप्स के लिए कुछ रेगुलेशन बना सकती है. इसके लिए सरकार ने एक पैनल की नियुक्ति भी कर दी है, ताकि कॉरपोरेट गवर्नेंस (Corporate Governance) को लेकर सवाल ना उठें.

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अधिकारियों ने बताया कि स्टार्टअप आम तौर पर छोटे होते हैं और जब बात उनके लिए रेगुलेशन बनाने की आती है तो काफी ध्यान रखना होता है. उन्होंने कहा कि स्टार्टअप के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर खास ध्यान देना जरूरी होता है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सितंबर 2019 में बनी कंपनी लॉ कमेटी (CLC) स्टार्टअप्स के लिए रेगुलेशन बनाने के मुद्दे पर काम कर सकती है.

ईज ऑफ डूइंग को किया जाएगा प्रमोट!

जानकारी के मुताबिक स्टैंडिंग पैनल की अध्यक्षता कॉरपोरेट अफेयर्स के सेक्रेटरी करेंगे. उनके अलावा इस पैनल में कई सरकारी अधिकारी, कुछ एक्सपर्ट और इंडस्ट्री के कुछ प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. यह पैनल ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्रमोट करेगा. साथ ही इसका काम कंपनीज एक्ट 2013 और लिमिटेड लाएबिलिटी पार्टनरशिप (LLP) एक्ट 2008 के लागू होने पर नजर रखना होगा.

स्टार्टअप्स के लिए नहीं होंगे ज्यादा रेगुलेशन

जैसा कि पीयूष गोयल पहले ही कह चुके हैं कि स्टार्टअप्स के लिए बहुत ज्यादा रेगुलेशन नहीं होंगे, कुछ अधिकारियों ने भी कहा है कि स्टार्टअप्स के लिए बहुत ज्यादा रेगुलेशन नहीं होंगे. हालांकि, मंत्रालय ने अभी इसे लेकर कुछ नहीं कहा है कि स्टार्टअप्स के लिए रेगुलेशन सख्त होंगे या नहीं. 

कंपनीज लॉ के तहत कोई स्टार्टअप एक कंपनी होती है, जिसे डीपीआईआईटी (DPIIT) के नोटिफिकेशन के बाद स्टार्टअप की तरह पहचान मिलती है. स्टार्टअप्स को बहुत सारी राहत मिलती हैं, जिनमें कुछ छूट तो नियमों के अनुपालन से भी जुड़ी होती हैं.