वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) 1,000 करोड़ रुपये की स्टार्टअप इंडिया सीड फंड योजना के बेहतर तरीके से इस्तेमाल और उसकी निगरानी के लिए एक विशेषज्ञ सलाहकार समिति (Expert Advisory Committee) का गठन करने का ऐलान किया है. एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने इस महीने की शुरुआत में स्टार्टअप (startups) की मदद और नए उद्यमियों को आगे बढ़ने में सहयोग के लिए इस योजना की घोषणा की थी.

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दी गई ये जानकारी This information given

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने कहा कि समिति सीड फंड के आवंटन, प्रगति की निगरानी के लिए स्टार्टअप का चयन करेगी और इस बात के लिए सभी जरूरी उपाए करेगी कि इस धन का सही इस्तेमाल हो और योजना का मकसद पूरा हो.

समिति में ये लोग शामिल होंगे The committee will include these people

इस समिति के सदस्यों में डीपीआईआईटी , जैव प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Biotechnology),विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research) और नीति आयोग (NITI Aayog) के प्रतिनिधि तथा DPIIT Secretary द्वारा नामित कम से कम तीन विशेषज्ञ शामिल होंगे.

स्टार्टअप को मिलेगी  945 करोड़ रुपये की मदद Startup will get Rs 945 crore

इस स्कीम के मुताबिक 2021 से 2025 के दौरान पूरे भारत में चयनित इनक्यूबेटरों के माध्यम से 945 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता स्टार्टअप को दी जाएगी. इस योजना का फायदा उठाने के लिए स्टार्टअप के पास डीपीआईआईटी की मान्यता होनी चाहिए, आवेदन करते समय उसके गठन को दो साल से अधिक का समय नहीं होना चाहिए और उसके मूल उत्पाद या सेवाओं में प्रौद्योगिकी का उपयोग होना चाहिए.

छोटे शहरों से भी उभर कर आ रहे स्टार्ट अप Startups emerging from small cities

उन्होंने कहा कि भारत में स्टार्ट-अप केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है बल्कि नए उभरते 40 प्रतिशत स्टार्ट-अप देश के दूसरी और तीसरी कैटेगरी के शहरों से सामने आ रहे हैं. भारत स्टार्टअप पारिस्थितिकी के मामले में ‘‘युवा का, युवा द्वारा, युवाओं के लिये’’ के मंत्र पर काम कर रहा है. ‘‘हमें अगले पांच साल के लिये अपने लक्ष्य तय करने चाहिये और ये लक्ष्य यह होने चाहिये कि हमारे स्टार्टअप, हमारे यूनिकॉर्नस वैश्विक ताकतों के रूप में उभरे और भविष्य की टेक्नोलॉजी के मामले में आगे हों.