Indian startups latest news: देश में स्टार्टअप्स (startups news) धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं. न सिर्फ आगे बढ़ रहे हैं, बल्कि कई तो यूनिकॉर्न बन चुके हैं. बीते साल (2021 में) भारतीय स्टार्टअप ने अपना दम दिखाते हुए 42 अरब डॉलर की राशि (Indian startups raised funds 2021) जुटाई. पीटीआई की खबर के मुताबिक, यह एक साल पहले 11.5 अरब डॉलर रही थी. ओरियोस वेंचर पार्टनर्स ने गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि साल 2021 में भारत में एक अरब डॉलर से ज्यादा वैल्युएशन वाले 46 स्टार्टअप यूनिकॉर्न (एक अरब डॉलर से अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप) का दर्जा पाने में सफल रहे. भारत में मौजूद कुल यूनिकार्न की संख्या अब दोगुनी से भी ज्यादा होकर 90 हो गई है.

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भारत में अब कुल 90 यूनिकॉर्न हैं

खबर के मुताबिक, साल 2021 में यूनिकॉर्न बनने वाले स्टार्टअप में शेयरचैट, क्रेड, मीशो, नजारा, मॉगलिक्स, एमपीएल, ग्रोफर्स (अब ब्लिंकइट), अपग्रेड, मामाअर्थ, ग्लोबलबीज, एको और स्पिनी शामिल हैं. भारत 90 यूनिकॉर्न की संख्या के साथ अमेरिका और चीन के बाद तीसरा बड़ा यूनिकॉर्न वाला देश बन चुका है. बता दें, अमेरिका में 487 और चीन में 301 यूनिकॉर्न हैं. भारत अब ब्रिटेन (39) से आगे निकल चुका है.

तीसरा बड़ा स्टार्टअप परिवेश वाला देश है भारत

भारत करीब 60,000 स्टार्टअप की संख्या के साथ तीसरा बड़ा स्टार्टअप (Indian startups) परिवेश वाला देश बन गया है. रिपोर्ट कहती है कि ये स्टार्टअप न सिर्फ नवोन्मेषी समाधान एवं तकनीक लेकर आ रहे हैं बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार भी पैदा कर रहे हैं. आज के समय में दुनिया का हर 13वां यूनिकॉर्न भारत में पैदा हुआ है.

फ्लिपकार्ट सबसे मूल्यवान यूनिकॉर्न 

ओरियोस वेंचर पार्टनर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बेंगलुरु में सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न हैं. सबसे ज्यादा यूनिकॉर्न फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी, ई-कॉमर्स और सॉफ्टवेयर सेवा से जुड़े हुए हैं. स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी, शिक्षा प्रौद्योगिकी, गेमिंग और क्रिप्टो भी उनकी गतिविधियों के केंद्र में हैं. रिपोर्ट कहती है कि फ्लिपकार्ट 37.6 अरब डॉलर के साथ सबसे मूल्यवान यूनिकॉर्न है.

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जबकि मेन्सा ब्रांड्स सिर्फ छह महीनों के भीतर ही यूनिकॉर्न का दर्जा पाने में सफल रही है. वर्ष 2021 में चार कंपनियां- फ्लिपकार्ट, पेटीएम, बायजू और ओयो रूम्स 10 अरब डॉलर से भी ज्यादा मूल्यांकन के साथ डेकाकॉर्न (दस अरब डॉलर या उससे अधिक मूल्यांकन वाले स्टार्टअप) बन चुकी हैं.