भारत कार्बन उत्सर्जन पर किसी भी अनुचित आदेश को स्वीकार नहीं करेगा, लेकिन इस दिशा में अपनी प्रतिबद्धता से अधिक काम करेगा. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने शुक्रवार को यह बात कही. उन्होंने 'आवाना - स्टार्टअप इंडिया जलवायु चुनौती कार्यक्रम' में कहा कि भारत का लक्ष्य 2070 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला देश बनना है. 

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सिंह ने कहा, ''हमने एक व्यापक लक्ष्य को स्वीकार किया है. हालांकि, भारत का मानना ​​है कि हम ऐतिहासिक रूप से कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. प्रति व्यक्ति उत्सर्जन के लिहाज से भी ऐसा नहीं है. माननीय प्रधानमंत्री का नजरिया हमेशा यह रहा है कि हम अनुचित आदेश स्वीकार नहीं करेंगे, लेकिन हमने जितना वादा किया है उससे कहीं अधिक करके दिखाएंगे.'' 

उन्होंने कहा कि भारत पहले ही 180 गीगावाट की दुनिया की चौथी सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का निर्माण कर चुका है. उन्होंने कहा, ''हम अपने एसडीजी (सतत विकास लक्ष्य) लक्ष्यों से काफी आगे हैं.'' सिंह ने कहा कि भारत के हरित भविष्य की ओर बढ़ने के साथ ऊर्जा परिवर्तन की यात्रा में स्टार्टअप अपने नवाचार के जरिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.